व्यवसाय एवं ऊर्जा मंत्री द्वारा भारत के साथ व्यावसायिक रिश्ते बढ़ाने का आह्वान
श्री ग्रेग क्लार्क ने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत सरकार के मंत्रियों तथा व्यवसाय जगत की हस्तियों के साथ वार्ता की।
बिज़नेस एंड एनर्जी सेक्रेटरी (व्यवसाय एवं ऊर्जा मंत्री) ग्रेग क्लार्क ने कल भारत की अपनी यात्रा के बाद मजबूत द्विपक्षीय व्यवसाय संबंध की बात कही और ब्रिटिश कंपनियों से भारत में उपलब्ध अवसरों लाभ उठाने का आह्वान किया।
व्यवसाय एवं ऊर्जा मंत्री ने:
- भारत के साथ ब्रिटेन के दीर्घकालीन संबंध पर जोर दिया और यह स्पष्ट किया कि ब्रिटेन के द्वार व्यवसाय के लिए खुले हैं
- अपने दौरे पर ऊर्जा, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खदान मंत्री श्री पीयूष गोयल सहित भारत सरकार के कई मंत्रियों के साथ मुलाकात की
अपने दौरे पर मंत्री ने नई दिल्ली में भारत सरकार के मंत्रियों तथा व्यवसाय जगत की हस्तियों के साथ वार्ता की और यह दुहराया कि ब्रिटेन के द्वार व्यवसाय के लिए खुले हुए हैं और यह भी कि भारत और ब्रिटेन का साथ मिलकर काम करना परस्पर लाभकारी है खासकर ऊर्जा के क्षेत्र में। ब्रिटेन भारत में सर्वाधिक निवेश करने वाला जी20 देश है, जबकि भारत ब्रिटेन में सर्वाधिक निवेश करने वाला तीसरा देश है।
नई दिल्ली में श्री क्लार्क ने ब्रिटेन-भारत व्यवसाय संबंध पर चर्चा की और यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के ब्रिटिश जनता के फैसले के बाद भारत के साथ वाणिज्य संबंधों को और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
व्यवसाय एवं ऊर्जा मंत्री ग्रेग क्लार्क ने कहा:
ब्रिटेन का भारत के साथ दीर्घकालीन वाणिज्य संबंध रहा है और हम इसे आगे बढ़ाना और समृद्ध करना चाहते हैं। इसी कारण मैंने सरकार के मंत्रियों और व्यवसाय जगत की प्रमुख हस्तियों से मुलाकात करना चाहा ताकि उनके समाने यह स्पष्ट हो जाए कि ब्रिटेन के द्वार व्यवसाय के लिए खुले हैं और विश्व मंच पर आगे बढ़ना जारी रखेंगे।
ब्रिटेन भारत में सर्वाधिक निवेश करने वाला जी20 देश है और मैं चाहता हूं कि ऊर्जा और अवसंरचना के क्षेत्रों में अपने सहयोग को गहरा कर इन वाणिज्य संबंधों को और भी विकसित किया जाए।
श्री क्लार्क ने ऊर्जा, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खदान मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ भावी सहयोग के बारे में चर्चा की।
व्यवसाय एवं ऊर्जा मंत्री की यह भारत यात्रा सुश्री थेरेसा मे के प्रधानमंत्री बनने के बाद किसी भी ब्रिटिश कैबिनेट मंत्री द्वारा की गई भारत की पहली यात्रा है।