विदेश मंत्री द्वारा प्रथम विश्वयुद्ध के स्मरणोत्सव की भारत में अगुवाई
श्री माइकल फलोन ने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारत के लोगों द्वारा दिए गए बलिदानों की याद में आयोजित स्मरणोत्सव की नई दिल्ली में अगुवाई की।
![Defence Secretary Michael Fallon lays a wreath at the India Gate First World War Memorial in New Delhi [Picture: Sanjeev Narula, Crown copyright]](https://assets.publishing.service.gov.uk/media/5a60e603ed915d7dfb57f2df/s300_RKS_2388g.jpg)
Defence Secretary Michael Fallon lays a wreath at the India Gate First World War Memorial in New Delhi
अपना जीवन बलिदान करने वाले भारतीय सैनिकों तथा प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारत के लोगों द्वारा दिए गए बलिदानों के सम्मान में श्री फलोन ने इन्डिया गेट पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। बाद में उन्होंने नई दिल्ली के ब्रिटिश उच्चायोग में एक विशाल स्मरण-समारोह की मेजबानी की।
समारोह के दौरान मंत्री महोदय ने वर्तमान भारतीय परिक्षेत्र के 6 वीसी विजेता सैनिकों की स्मृति में विक्टोरिया क्रॉस (वीसी) मेमोरियल्स (स्मृतिचिह्न) का अनावरण किया।
उन्होंने फ्रांस एवं फ्लैंडर्स के युद्ध में भाग लेने वाले भारतीय सैनिकों की युद्ध डायरियों के डिजिटल संस्करण के साथ मेमोरियल्स (स्मृतिचिह्न) भारत के रक्षा मंत्री को सौंपे।
भारत के साथ ब्रिटेन की प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने भारतीय रक्षा एवं वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली तथा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल से भी मुलाकात की।
![Michael Fallon and Arun Jaitley](https://assets.publishing.service.gov.uk/media/5a61d93aed915d0afa3b63db/DSC_9433g.jpg)
Defence Secretary Michael Fallon and Arun Jaitley, Indian Minister for Defence and Finance at the Vivekanand Foundation in New Delhi [Picture: Sanjeev Narula, Crown copyright]
श्री फलोन ने कहा:
भारत और ब्रिटेन स्वाभविक साझेदार हैं। जिन कार्यक्रमों में आज मैं गया और जिन चर्चाओं में भाग लिया वे इस बात के बिल्कुल स्पष्ट प्रमाण हैं कि हमारी साझेदारी बहुत ही गहरी, व्यापक और दीर्घकालीन है।
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों के महती योगदान के स्मरण में आयोजित भावपूर्ण समारोह में श्री जेटली और मैंने उस समय के भारत और ब्रिटेन के साझे मूल्यों पर चर्चा की जो आज भी हमारे बीच मौजूद हैं। सचमुच, दोनों पक्ष अत्यंत गौरवशाली थे।
हमारी इस बात पर भी चर्चा हुई कि किस प्रकार हमारे दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली सुरक्षा चुनौतियों से साथ मिलकर निबट सकते हैं। और एक सदी पहले का हमारा साझा गौरव इस कार्य में हमें साथ मिलकर चलने में बड़ी अच्छी तरह अनुप्राणित करता है।