कोलकाता में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ संबंध के प्रयास
कोलकाता के ब्रिटिश उप उच्चायोग ने शुक्रवार 25 नवम्बर 2016 को स्थानीय हितधारकों के साथ बातचीत का एक सत्र आयोजित किया।
इस सत्र का उद्देश्य था कि किस तरह ब्रिटेन सहयोग करने के साथ ही कोलकता में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना को प्रेरित कर सकता है।
कोलकाता में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त ब्रुस बकनेल ने पैनल चर्चा को संचालित किया, साथ ही पैनल चर्चा में शामिल हुए कैंम्ब्रिज क्लीनटेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्टिन गैरेट और बैसिल्डन बरो काउंसिल के वरिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय विकास अधिकारी कार्तिक दुर्गाप्रसाद।
दर्शकों में शामिल थे निवेशक, स्टार्ट-अप और शुरुआती चरण में पहुंची कम्पनियां, संस्थागत इंक्यूबेटर्स के प्रतिनिधि और निजी क्षेत्र के उत्प्रेरक।
पैनलिस्ट, जो पहले ही कोलकाता में एक कार्यशाला के आयोजन में डेढ़ दिन बिता चुके थे, के पास विभिन्न प्रकार के दर्शकों के साथ परस्पर बांटने को तुलनात्मक अंतर्दृष्टि थी। दुनिया में प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप के क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा केंद्र माने जाने वाले भारत में कठिन बुनियादी सुविधाएं पहले से ही अब अपना स्थान बनाती प्रतीत हो रही हैं। चुनौती थी नरम बुनियादी सुविधाओं के साथ संबंध जोड़ने की। पैनलिस्ट ने इंक्यूबेटर्स के लिए पूरे समय समर्पित रहने वाले एक पेशेवर नेतृत्व पर जोर दिया, खासतौर से अकादमिक नेतृत्व वाले क्षेत्र के लिए। स्टार्ट-अप ने विचारों और अपने मूलरूप के व्यावसायीकरण में आ रही चुनौतियों के विषय में चर्चा की। पैनलिस्ट ने इस मुद्दे पर एक शहर पर आधारित सामूहिक संस्थान (कोलकाता पीएलसी) शुरू करने का सुझाव दिया जो व्यापारिक ‘विचार’ और ‘पूंजी’ के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करेगी। दर्शकों में वह भाग, जिन्हें ब्रिटेन के पारिस्थितिकी तंत्र का अनुभव प्राप्त हुआ है, उन्होंने ब्रिटेन की नवाचारों के प्रति क्षमता की सराहना को बांटा और भारत की नेटवर्क की परिपक्वता को समझते हुए एक बड़े सहयोग का आवाह्न किया।
मीडिया जानकारियों के लिए कृपया संदीप चौधरी.
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