उच्चायोग ने यूके-भारत लोकतांत्रिक परंपरा का जश्न मनाया
ब्रिटिश उच्चायोग ने आज नई दिल्ली के एनजीओ स्वानिती इनिशिएटिव के साथ मिलकर एक कार्यक्रम के माध्यम से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का जश्न मनाया।
पैनल चर्चा में सवाल उठाया गया: ‘क्या लोकतंत्र का कोई फार्मूला है?? वे विशेषताएं जो लोकतंत्र को उभारती हैं” इस दिवस और दुनिया भर में विभिन्न लोकतंत्र प्रारूपों का समारोह को मनाने के लिए सरकारों और संगठनों को आमंत्रित किया गया था ।
लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने और बनाए रखने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2007 में अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (15 सितंबर) की स्थापना की गई थी। सभी सदस्य देशों और संगठनों को यह दिन मनाने और दुनिया भर के लोकतंत्र के विभिन्न मॉडल का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित किया गया था।
ब्रिटिश उच्चायोग के पॉलिटिक्स और प्रेस मिनिस्टर काउंसलर किरेन ड्रेक, ने कहा:
यूके दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्रों में से एक है और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। मुझे खुशी है कि आज के कार्यक्रम में इस आम लोकतांत्रिक परंपरा को - जीवंत और खुली चर्चा के द्वारा सबसे उपयुक्त तरीके से मनाया गया है।
आगे की जानकारी
स्वानिती इनिशिएटिव नई दिल्ली का संगठन है जो देश भर में विकास के समाधान को प्रदान करने के लिए नीति निर्माताओं और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ काम करता है।
कार्यक्रम के पैनलिस्टों में शामिल थे;
- डॉ अभिषेक मनु सिंघवी, संसद सदस्य (राज्य सभा)
- डॉ नरेंद्र जाधव, संसद सदस्य (राज्य सभा)
- विक्रमजीत बनर्जी, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल
- एनकशी गांगुली, सह-संस्थापक एचएक्यू: बाल अधिकार केंद्र
- ऋतविका भट्टाचार्य-अग्रवाल, सीईओ स्वानिती इनिशिएटिव
उपस्थित लोगों में लोकतंत्र, लिंग अधिकार और कमजोर और हाशिए पर रहने वाले लोगों के कानूनी सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर काम कर रहे संसद सदस्य, सिविल सोसाइटी, शिक्षाविद, छात्र और वकील शामिल थे।
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