हिंद महासागर में यूके के जहाज के लिए भारत पहला बंदरगाह है
रॉयल नेवी का अपतटीय गश्ती पोत, एचएमएस तामार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी स्थायी तैनाती के हिस्से के रूप में आज [6 जनवरी] अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए रवाना हुआ। अगले पांच दिनों में, जहाज और उसके चालक दल भारतीय नौसेना के साथ क्षमता प्रदर्शन और समुद्री अभ्यास करेंगे।
जैसा कि ब्रिटेन की एकीकृत समीक्षा में निर्धारित किया गया है, एचएमएस तामार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायी तैनाती पर रॉयल नेवी के दो जहाजों में से एक है। जहाज की भारत यात्रा साझा नौवहन डोमेन जागरूकता प्रयास को और मजबूत करने का एक अवसर है, और हिंद महासागर क्षेत्र और व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग करने के लिए यूके और भारत के इरादे को रेखांकित करती है।
फर्स्ट सी लॉर्ड, एडमिरल सर बेन की ने कहा:
मुझे खुशी है कि हिंद महासागर में अपनी पहली यात्रा के दौरान एचएमएस तामार इस सप्ताह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दौरा कर रही हैं। स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ने और भारतीय नौसेना के साथ प्रशिक्षण और अभ्यास करने का अवसर बेहद मूल्यवान है।
उन्होंने कहा, ‘‘एचएमएस तामार और उनकी टीम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगियों, साझेदारों और दोस्तों के साथ जो काम कर रही है, वह महत्वपूर्ण है। वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरे बढ़ने के साथ, रॉयल नेवी नियम-आधारित प्रणाली को चुनौती देने वालों का सामना करने और समुद्र के अंदर और उससे शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के साझा प्रयास में भारतीय नौसेना के साथ अपने संबंधों को गहराई से महत्व देती है।
भारत में ब्रिटेन की कार्यवाहक उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट ने कहा,
‘एचएमएस तामार की तैनाती ब्रिटेन का हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर झुकाव है। यह यात्रा इस बात का एक और सबूत है कि हम भारत के साथ अपने रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को कितना महत्व देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वास्तव में भारत विश्व के लिए भविष्य के विकास और समृद्धि को आगे बढ़ाएगा। यह जरूरी है कि यह व्यापार, साझा सुरक्षा और मूल्यों के समर्थन में सभी के लिए स्वतंत्र और खुला रहे।
संपादकों के लिए नोट्स:
- एचएमएस तामार की यात्रा के चित्र / फुटेज का उपयोग करने के लिए नि: शुल्क यहां उपलब्ध कराया जाएगा।
- रॉयल नेवी का नदी श्रेणी का अपतटीय गश्ती पोत एचएमएस तामार और सहयोगी जहाज एचएमएस स्पे सितंबर 2021 से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालिक तैनाती पर हैं।
- मार्च 2021 में प्रकाशित एकीकृत समीक्षा - ब्रिटेन की विदेश, रक्षा, विकास एवं सुरक्षा नीति की स्थापना - ने ब्रिटेन को व्यापार, साझा सुरक्षा और मूल्यों के समर्थन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापक, सबसे एकीकृत उपस्थिति के साथ यूरोपीय देश बनने के लिए प्रतिबद्ध किया।
- ब्रिटेन अपनी समुद्री जागरूकता क्षमता के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जो पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती विरोधी प्रतिक्रिया में अग्रणी है। भारत में अपनी उपस्थिति के साथ-साथ पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में ब्रिटेन की 7x7 उपस्थिति है।
- भारत के साथ ब्रिटेन का व्हाइट शिपिंग समझौता पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में जानकारी साझा करने में सक्षम बनाता है। जून 2021 में, यूके ने क्षेत्र में समुद्री डोमेन जागरूकता बढ़ाने के लिए गुरुग्राम में भारतीय नौसेना के इन्फर्मेशन फ्यूजन सेंटर फॉर इंडियन ओसियन रीजन (आईएफसी-आईओआर) में अपना पहला स्थायी संपर्क अधिकारी तैनात किया।
- अक्टूबर 2021 में यूके के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की यात्रा - एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के नेतृत्व में, जो रॉयल नेवी के लिए बनाए गए दो सबसे बड़े युद्धपोतों में से एक है - ने यूके और भारत के बीच रक्षा महत्वाकांक्षा और बातचीत के एक नए चरण को रेखांकित किया। इस तैनाती पर सीएसजी की गतिविधि का पूरा 10% भारत के लिए प्रतिबद्ध था, जिसमें दोनों देशों की सभी 3 सेवाओं द्वारा आयोजित अभ्यास कोंकण शक्ति के साथ अब तक का हमारा सबसे अधिक मांग वाला द्विपक्षीय अभ्यास शामिल था।
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