भारतीय महिला ने ब्रिटिश उच्चायुक्त के रूप में एक दिन का अनुभव किया
19 वर्षीय निधि गौतम, जो कर्नाटक से हैं, एक दिन के लिए भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त बनीं।
19 वर्षीय निधि गौतम ने कर्नाटक से आकर भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त के रूप में एक पूरा दिन बिताया। इस दौरान उन्हें एक राजनयिक के जीवन की अनोखी झलक मिली और उन्होंने यूके-भारत साझेदारी को सक्रिय रूप से कार्यान्वित होते हुए देखा।
नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने 2017 से हर साल ‘हाई कमिश्नर फॉर ए डे’ प्रतियोगिता का आयोजन किया है, जो अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (11 अक्टूबर) के उपलक्ष्य में आयोजित की जाती है।
ब्रिटेन बालिकाओं के साथ जुड़ने और उन्हें बदलाव लाने वाले तथा भविष्य के नेता के रूप में सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं और बालिकाओं की स्वतंत्रता की रक्षा करना और उन्हें बढ़ावा देना न केवल सही है, बल्कि बुद्धिमानी भरा कदम भी है। यह मजबूत, मुक्त समाज और सशक्त अर्थव्यवस्थाएं बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस वर्ष की विजेता प्रविष्टि को पूरे देश से आईं 140 से अधिक प्रतिभाशाली युवतियों के आवेदन में से चुना गया। निधि वर्तमान में दिल्ली के मिरांडा हाउस से इतिहास और भूगोल में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। उन्हें स्केचिंग, वर्डल, सांस्कृतिक कूटनीति और विदेश नीति में गहरी रुचि है।
निधि गौतम, जो एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त बनीं, ने कहा:
एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त बनना मेरे लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव था, जिसने मुझ पर एक गहरी छाप छोड़ी। मुझे कई महत्वपूर्ण प्रगतियों का पता लगाने का सौभाग्य मिला, जैसे सहायक तकनीकों से लेकर सौर ऊर्जा पर प्रबुद्ध चर्चाएं, जैव-प्रौद्योगिकी और ‘फेमटेक’ (महिला-प्रौद्योगिकी) में हो रहे क्रांतिकारी विकास। प्रत्येक बातचीत ने इस विचार को और मजबूत किया कि तकनीक का वास्तविक उद्देश्य समाज को ठोस लाभ प्रदान करना है।
लिंडी के गर्मजोशी भरे प्रोत्साहन और गहन विचारों ने पूरे दिन मुझे गहराई से प्रेरित किया। उन्होंने मुझे यह याद दिलाया कि अपने देश की सेवा में समर्पण और जुनून का कितना महत्व है। दिन भर नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की मजबूत उपस्थिति ने मुझे और अधिक प्रेरित किया, और मेरे भीतर लैंगिक समानता के समर्थन के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत किया। अंततः, इस अनुभव ने मुझे सिखाया कि वास्तविक प्रगति केवल आगे बढ़ने में नहीं है, बल्कि इस यात्रा में जीवन को ऊपर उठाने में है।
लिंडी कैमरन, जो उस दिन उप-उच्चायुक्त की भूमिका में थीं (और अन्य दिनों में भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त हैं), ने कहा:
निधि से एक दिन के लिए सीखना शानदार अनुभव था। हमारी चर्चाएं, चाहे वह यूके-भारत टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव पर हों या फिर युवा महिलाओं द्वारा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने की भूमिका पर, बेहद प्रेरणादायक थीं। ‘हाई कमिश्नर फॉर ए डे’ प्रतियोगिता इस विचार का प्रतीक है कि जब हर किसी को समान अवसर मिलते हैं, तो दुनिया एक बेहतर जगह बन जाती है। ब्रिटेन और दुनिया भर में महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाना हमारे लिए प्राथमिकता है और यह हमारे भारत के साथ साझेदारी का अभिन्न हिस्सा है, जिसमें प्रौद्योगिकी से लेकर जलवायु लचीलापन तक सब कुछ शामिल है।
ब्रिटेन की शीर्ष राजनयिक के रूप में, निधि ने पूरे दिन के व्यस्त कार्यक्रम के दौरान कई रोमांचक गतिविधियों का अनुभव किया। उन्होंने अपने दिन की शुरुआत उच्चायुक्त के रूप में नाश्ते पर ब्रीफिंग के साथ की, जहां उन्हें वरिष्ठ नेतृत्व टीम द्वारा जुलाई में घोषित टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव और यूके-भारत द्विपक्षीय संबंधों के विवरणों से अवगत कराया गया। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर असिस्टिव हेल्थ टेक्नोलॉजीज का दौरा किया, जहां उन्हें नई तकनीकों का गहन अनुभव मिला, जो विशेष रूप से सक्षम लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद कर रही हैं। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी भी देखा, जहां उन्होंने यह समझा कि कैसे तकनीक भारत में वैक्सीन विकास में सहायता कर रही है। दिनभर के कार्यक्रम में उन्होंने कई सरकारी और औद्योगिक भागीदारों से भी मुलाकात की।
अधिक जानकारी
- निधि के एक दिन के उच्चायुक्त अनुभव की तस्वीरें यहां देखें, जिन्हें बिना किसी प्रतिबंध के उपयोग किया जा सकता है।
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निधि गौतम 1 अक्टूबर को ‘हाई कमिश्नर फॉर ए डे’ बनीं। इस साल की प्रतियोगिता के लिए आवेदकों से यह सवाल पूछते हुए 1 मिनट का वीडियो जमा करने को कहा गया था: ‘यूके और भारत तकनीक के माध्यम से भविष्य की पीढ़ियों को लाभ पहुंचाने के लिए कैसे सहयोग कर सकते हैं?’ निधि की विजेता प्रविष्टि यहां देखें।
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‘हाई कमिश्नर फॉर ए डे’ प्रतियोगिता, जो 2017 से हर साल आयोजित की जा रही है, अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (11 अक्टूबर) के उपलक्ष्य में आयोजित की जाती है। यह प्रतियोगिता युवा महिलाओं को मंच प्रदान करने का अवसर देती है ताकि वे बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ा सकें और नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं के महत्व को उजागर कर सकें।
- अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का जश्न ब्रिटेन के बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई स्थित राजनयिक मिशनों में भी मनाया जा रहा है, जहां एक युवा महिला को ‘ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर फॉर ए डे’ बनने का अवसर मिलेगा।
मीडिया
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डेविड रसल्ल , हेड ऑफ़ कम्युनिकेशन्स
प्रेस और संचार, ब्रिटिश उच्चायोग,
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