चेन्नई में लॉन्गीट्यूड प्राइज़ डिस्कवरी अवार्ड
लॉन्गीट्यूड प्राइज़ डिस्कवरी अवार्ड का आयोजन चेन्नई में 27 जुलाई 2016 को किया जाएगा।
नेस्टा यूके के साथ मिलकर ब्रिटिश उप-उच्चायोग चेन्नई द्वारा ‘वर्कशॉप ऑन 10 मिलियन पाउंड लॉन्गीट्यूड प्राइज़ डिस्कवरी अवार्ड्स टू टैकल एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस: हाऊ टू विन’ का आयोजन कर रहे हैं। इस वर्कशॉप का उद्देश्य है लोगों और समूहों को प्रतियोगी के रूप में लॉन्गीट्यूड प्राइज़ में भाग लेने के लिए प्रेरित करना और साथ ही एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस (सूक्ष्मजीवीरोधी प्रतिरक्षण) से निबटने के लिए आवश्यक क्रॉस-डिसिप्लीन (अंतर्विषयी) प्रयास के बारे में जागरुकता बढ़ाना।
इस कार्यक्रम में भारतीय और ब्रिटिश कंपनियां, उद्यमी और वरिष्ठ शोधकर्ता उपस्थित रहेंगे। चेन्नई स्थित ब्रिटिश उप-उच्चायोग के उप-प्रमुख टैमी संधू उद्घाटन अभिभाषण प्रस्तुत करेंगे। प्रमुख वक्ताओं में शामिल हैं:
- डॉ. जॉर्ज एम. वर्गीज, क्रिस्चयन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
- डॉ. वी सैमुअल राज, एसआरएम यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- डॉ. मोहनशंकर शिवप्रकाशम, हेल्थकेयर टेक्नॉलॉजी सेंटर, चेन्नई
- डॉ. अब्दुल गफूर, अपोलो हॉस्पिटल, लॉन्गीट्यूड प्राइज़ एडवाइजरी पैनल, चेन्नई
- प्रो. गुहन जयरामन, आईआईटी मद्रास
- सुश्री तमार घोष, लीड, लॉन्गीट्यूड प्राइज़, नेस्टा, यूके
दिनांक | बुधवार 27 जुलाई 2016 |
समय | 1000 – 1300 बजे |
स्थान | ब्रिटिश उप-उच्चायोग, 20 एंडरसन रोड, नुंगम्बक्कम, चेन्नई |
कार्यशाला के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां देखें।
आगे की जानकारी
विश्व में कहीं भी एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस को कम करने की दिशा में मदद के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली त्वरित, सटीक, किफायती और उपयोग में आसान प्वाइंट ऑफ केयर डायग्नोस्टिक जांच विकसित करने हेतु लॉन्गीट्यूड प्राइज़ वैज्ञानिकों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा 10 मिलियन पाउंड का विज्ञान पुरस्कार एक पंचवर्षीय ग्लोबल चुनौती है। इसका लक्ष्य है भावी पीढियों के लिए एंटीबायोटिक्स को संरक्षित करते हुए वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति लाना। इसका विकास और क्रियान्वयन इनोवेट यूके की वित्तीय साझेदारी के साथ नेस्टा द्वारा किया जा रहा है। यह लॉन्गीट्यूड के एक उद्देश्य- अनेक विषयों के आविष्कारकों, स्टार्ट-अप और प्रवेशकों को आकर्षित करने से जुड़ा है। इसका एक विजेता होगा। यह पुरस्कार कार्यक्रम प्रथम ब्रिटिश चैलेंज प्राइज़ 1714 के लॉन्गीट्यूड एक्ट के वार्षिक स्मारिका भी है जो कि समुद्र में देशांतर निर्धारण के लिए था।
पंचवर्षीय प्रतियोगिता की शुरुआत एक प्वाइंट-ऑफ-केयर टेस्ट विकसित करने के लिए शुरू की गई है जो यह पहचान करेगी कि कब एंटीबायोटिक की आवश्यकता है और यदि उनकी आवश्यकता है तो कौन सा उपयोग किया जाना चाहिए। अब तक 33 देशों की 156 टीमें रजिस्टर्ड हो चुकी हैं, जिनमें 15 भारत से हैं और अब वे पुरस्कार जीतने के विचार से काम कर रही हैं। लॉन्गीट्यूड प्राइज़ ने हाल में डिस्कवरी अवार्ड की शुरुआत की जो छोटा सीड ग्रांट है, जिसका उद्देश्य है मौजूदा और नई टीमों को उनकी सूझ विकसित करने में मदद करना। आंशिक रूप से ब्रिटिश सरकार द्वारा वित्त पोषित इस प्राइज़ के लिए, जिसमें अभी 3 साल से अधिक समय बाकी है, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चेन्नई के शिक्षण संस्थानों और उद्योग जगत के आविष्कारी लोग इस पुरस्कार के बारे में जानें और इसमें भाग ले सकें। पिछले साल, बीबीसी और आमेजन की सहायता से ब्रिटिश लोगों ने विचार किया कि नया लॉन्गीट्यूड प्राइज़ माइक्रोबियल रेसिस्टेंस पर केन्द्रित हो।
मीडिया पूछताछ के लिए कृपया यहां संपर्क करें
अनिता मॉड्सले,
प्रेस एवं पब्लिक अफेयर्स अधिकारी,
ब्रिटिश उप-उच्चायोग, चेन्नई।
मोबाइल: +91-96001-99956,
मेल करें: अनीता मॉड्स्लेय
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