प्रेस विज्ञप्ति

व्यापार की बाधाओं को दूर करने के लिए भारत-यूके की नई साझेदारी

दोनो देशों की नए व्यापार साझेदारी पर सहमत से यूके में भारतीय निवेश के बढ़ने की संभावनाएं अधिक हो गई हैं।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था

भारत के प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी, आज (बुधवार 18 अप्रैल) सरकार के राष्ट्रमंडल प्रमुखों की बैठक में एक आधिकारिक अतिथि के रूप में यूके का दौरा करेंगे (सीओओजीएम)।

भारतीय प्रधान मंत्री की यात्रा यूके की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आई है, £1 बिलियन से अधिक के नए भारतीय निवेश अर्थव्यवस्था में 5,750 ब्रिटिश नौकरियां उत्पन्न होंगी या उनक बचाव करेंगी।

निवेश के साथ-साथ, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) ने एक नए भारत-यूके व्यापार साझेदारी तैयार करने पर सहमति जताई है जो इस साल की शुरुआत में 2 देशों के बीच संयुक्त व्यापार की समीक्षा (जेटीआर) के बाद की गई सिफारिशों पर आधारित है।

नई साझेदारी, दोनों देशों के व्यवसायों के लिए व्यापार की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी क्योंकि 40 वर्षों में पहली बार यूके ने अपनी स्वतंत्र व्यापार नीति की जिम्मेदारी को स्वीकार किया है। जीवन विज्ञान, आईटी और खाद्य और पेय के 3 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देते हुए, साझेदारी व्यापार की बाधाओं को कम करने की कोशिश करेगी, जिससे इन क्षेत्रों में व्यापार को आसान बनाने में मदद मिलेगी और साथ ही साथ मजबूत व्यापारिक संबंध भी विकसित होंगे।

यूके नई दिल्ली में अपने उच्चायोग में यूके साइबर सुरक्षा उद्योग विशेषज्ञ की नियुक्ति भी करेगा। उनका काम ब्रिटिश विशेषज्ञता साझा करना और भारतीय निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को यूके की ऐसी अत्याधुनिक कंपनियों से जोड़ना होगा जो उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं की आपूर्ति कर सकते हैं।

2017 में यूके और भारत के बीच माल और सेवाओं का कुल व्यापार £18 बिलियन था, जो कि 2016 की तुलना में 15% अधिक है। यूके का भारत में निर्यात, प्रमुख रूप से अभिनव मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, इसका एक बड़ा हिस्सा है और जिसमें 14.9% की वृद्धि हुई है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सचिव, डॉ. लियाम फॉक्स ने कहा:

व्यापार की बाधाओं को दूर करना बहुत महत्वपूर्ण है, इसके ज़रिए यूके वैश्विक बाजारों के पूर्वानुमानित विकास का लाभ ऊठा सकता है और इसलिए मुझे खुशी है कि हम भारत के साथ यह नई व्यापार साझेदारी कर रहे हैं।

यह स्पष्ट है कि भारत के साथ व्यापार में विकास के बहुत अधिक अवसर हैं, और एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विभाग के रूप में हम व्यापार मिशन जैसे उपकरणों का उपयोग करना जारी रखेंगे, यह केवल यूके के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाएगा, बल्कि सभी आकारों के व्यवसायों के संभावित खरीदारों और निवेशकों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने और नए संबंध बनाने में भी मदद करेंगे।

प्रधान मंत्री मोदी की यात्रा के दौरान तकनीकी सहायता के एक पैकेज को लॉन्च किया जाएगा जिससे व्यापार को आसान बनाने की रैंकिंग में भारत को काफी ऊपर ले जाने में मदद मिलेगी और यूके की कंपनियों और भारतीय अर्थव्यवस्था लाभान्वित होंगे। इसके अलावा, 2 देशों ने अपने कृषि उद्योगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए भी सहमति जताई है।

हाल ही में 2 देशों के बीच हुए यात्राओं और व्यापार मिशन से यूके और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों बढ़ावा मिला है। इस साल की शुरुआत में 2 देशों के उद्योगों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए बैरोनेस फेयरहेड ने प्रौद्योगिकी कारोबार के एक बड़े समूह के साथ मुंबई और बंगलौर का दौरा किया था। इसके बाद इसी साल जनवरी और फरवरी में विभिन्न क्षेत्रों के 100 से अधिक यूके व्यवसायों ने भारत का दौरा किया।

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प्रकाशित 18 April 2018