समाचार कथा

प्रीति पटेल ने की यूके और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी की तारीफ

अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव अपनी नई भूमिका के तहत पहली बार भारत की यात्रा कर रही हैं।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
Picture: Anshuman Atroley/DFID

Picture: Anshuman Atroley/DFID

देश में अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव प्रीति पटेल ने कहा कि यूके और भारत दोनों ही अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए वित्तीय सेवाएं, निवेश और कौशल का आदान-प्रदान करने के क्षेत्र में अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बना रहे हैं।

एक अरब से अधिक आबादी वाला भारत वर्ष 2050 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वैश्विक भूमिका निभाने और महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था के रूप में सक्षम, भारत के साथ यूके का विकास संबंध सामान हितों पर केंद्रित हो गया है।

सुश्री पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, जिनकी पिछले नवम्बर में ऐतिहासिक ब्रिटेन यात्रा से यूके-भारत के बीच के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ गया, जिसका लक्ष्य था व्यापार, शिक्षा, रक्षा सुरक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाना। सुश्री पटेल ने प्रधानमंत्री के साथ तकनीकी सहायता के पैकेज और भारत को समर्थन देने पर बातचीत की, जिससे आर्थिक विकास, रोजगार और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और इससे ब्रिटेन को भी लाभ पहुंचेगा।

वित्त, शहरी विकास और विदेशी मामलों के मंत्रियों समेत अनेक केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव ने रेखांकित किया कि ब्रिटेन व्यापार के लिए उन्मुक्त है और हमारा नजरिया सार्वजनिक होने के साथ-साथ हम अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए तत्पर हैं।

अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव प्रीति पटेल ने कहा:

यूके और भारत के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है, जिसका आधार है साझा इतिहास, लोगों के बीच मजबूत आपसी संबंध और लोकतांत्रिक मूल्य।

सरकार अर्थव्यवस्थाओं का विकास करने और दोनों देशों में व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना चाहती है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से इन सभी मुद्दों पर चर्चा की, जिन्होंने पिछले वर्ष यूके में अपनी यात्रा के दौरान हमारे रिश्तों के लिए अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को निर्धारित किया था।

अब जब भारत एक प्रमुख और प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, तब यह बिल्कुल सही है कि मेरे विभाग समेत समूचे यूके का समर्थन केवल पारम्परिक वित्तीय सहायता, जो पिछले वर्ष ही समाप्त हो चुकी है, से हटकर तकनीकी सहायता और कुशलता और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान में परिवर्तित हो चुका है।

ब्रिटेन एक उन्मुक्त नजरिए का वैश्विक राष्ट्र है और डीएफआइडी विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय और नए विभागों के साथ मिलकर यूके के व्यावासायिक साझेदारों की सहायता जारी रखेगा जिससे ब्रिटेन के व्यवसाय के लिए भी नए अवसरों का सृजन होगा।

अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव ने वित्त मंत्रालय के साथ साझेदारी का स्वागत किया, जो आर्थिक विकास और सुधार प्राथमिकताओं के क्षेत्र में यूके-भारत के बीच संबंधों को मजबूत बनाने में जुटा है। भारत के वित्त मंत्री और प्रमुख वित्तीय कम्पनियों से बातचीत के दौरान सुश्री पटेल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह यूके लंदन शहर के वित्तपोषण की शक्ति का दोहन कर स्मार्ट शहरों के निर्माण से, कुशलता को बढ़ावा देकर, व्यापार को सहज बनाकर और ऊर्जा संबंधित बुनियादी ढांचे को मजबूत कर भारतीय आर्थिक एजेंडे को सुदृढ़ कर रहा है।

लंदन में इस महीने की शुरुआत में प्रथम रुपया-आधारित बॉन्ड की शुरुआत, यूके और भारत के बीच के घनिष्ठ और प्रगतिशील आर्थिक सहयोग का उदाहरण हैं और इससे लंदन शहर एक प्रमुख वैश्विक और अभिनव वित्तीय गतिविधियों का एक केंद्र साबित होता है। भारत के ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ के लिए यूके के समर्थन के तहत ब्रिटेन अपना वित्त, मूलभूत संरचना, शासन और सुरक्षा का आदान-प्रदान करेगा ताकि स्मार्ट शहरों की योजना, डिजाइन और स्मार्ट शहरों के निर्माण में सहायता देकर वह भारत में शहरी विकास को और मजबूत बना सके, जिससे भारत और यूके दोनों में रोजगार, विकास और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

सुश्री पटेल ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की, जिसके तहत वे इस क्षेत्र में स्मार्ट शहरों के निर्माण हेतु साझेदारी के लिए सहमत हुईं और यह घोषणा की है कि इस वर्ष के अंत में अयोजित होने वाले मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में यूके एक सहयोगी राष्ट्र में रूप में शामिल होगा। यह प्रधामंत्री द्वारा पिछले वर्ष ब्रिटेन यात्रा के दौरान किए गए प्रमुख प्रतिबद्धताओं में से एक है।

भारतीय आर्थिक विकास में यूके द्वारा दो वेंचर फंड और नवीन व्यापार में इक्विटी निवेश समेत दो नए समर्थन से देशभर में दो मिलियन लोगों को नौकारियां मिलने, व्यवसाय शुरू करने और अपने परिवार का भरणपोषण करने के लिए आवश्यक वित्त का उपयोग करने का अवसर मिलेगा। भारत में निजी क्षेत्र में निवेश से भारत के सबसे गरीब तबके को लाभ पहुंचेगा और साथ यूके को निवेश का प्रतिलाभ भी मिलेगा जिससे दोनों देशों को एक समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहायता मिलेगी।

Updates to this page

प्रकाशित 15 August 2016