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यूके और भारत द्वारा लंदन में वित्तीय बाजार वार्ता आयोजित किया गया

ब्रिटेन-भारत वित्तीय बाजार वार्ता (एफएमडी) 19 अप्रैल को लंदन में वित्तीय सेवाओं में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया।

यह 2022 to 2024 Sunak Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था

UK-India Financial Markets Dialogue in London

एफएमडी का नेतृत्व महामहिम ट्रेजरी और भारत के वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया था, और इसमें दोनों देशों की स्वतंत्र नियामक एजेंसियां शामिल थीं। उन्होंने छह मुख्य विषयों में सहयोग की समीक्षा की: बैंकिंग; भुगतान और क्रिप्टोएसेट; बीमा और पुनर्बीमा; पूंजी बाजार; परिसंपत्ति प्रबंधन; एवं सतत वित्त।

वित्तीय सहयोग को मजबूत करना ब्रिटेन-भारत 2030 रोडमैप के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। ब्रिटिश और भारतीय निवेश एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं में लगभग पांच लाख नौकरियां प्रदान करते हैं, जिसमें परियोजनाओं की संख्या के मामले में भारत ब्रिटेन के निवेश का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।

आज के एफएमडी में, प्रतिभागियों ने संबंधित बैंकिंग और बीमा क्षेत्रों में विकास की समीक्षा की, जिसमें सहयोग के लिए उभरते क्षेत्रों की पहचान करना शामिल है - जैसे कि पेंशन फंडों के लिए नियामक ढांचे पर ज्ञान का आदान-प्रदान। बैठक में परिसंपत्ति प्रबंधन क्षेत्र के माध्यम से सीमा पार व्यापार और निवेश को गहरा करने की गुंजाइश का पता लगाया गया। चर्चा में जी-20, सतत वित्त और पूंजी बाजार सहयोग पर भी चर्चा हुई। दोनों देश इस वर्ष के अंत में दोनों वित्त मंत्रियों के बीच आर्थिक और वित्तीय वार्ता के बाद 2024 में भारत में अगली वित्तीय बाजार वार्ता आयोजित करने पर सहमत हुए।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा:

ब्रिटेन और भारत के बीच घनिष्ठ, गहरा और व्यापक वित्तीय सहयोग दोनों देशों में लोगों के लिए रोजगार और समृद्धि प्रदान करने की बड़ी क्षमता प्रदान करता है। आज के वित्तीय बाजारवार्ता में चर्चा किए गए विषयों की श्रंखला यह दर्शाती है।

उन्होंने कहा:

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और चांसलर ने ब्रिटेन के विकास को गति देने के लिए एक स्पष्ट योजना तैयार की है। भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और आज की बातचीत से पता चलता है कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं में विकास कार्य एक-दूसरे को कैसे लाभ पहुंचा सकता है। हम गहरे द्विपक्षीय संबंधों और व्यापारिक हितों को साझा करते हैं; ब्रिटिश बैंक गिफ्ट सिटी में स्थापित होने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय बैंक था। हम एक महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते पर सहमत होने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं और दोनों पक्ष इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

एफएमडी में भारत ब्रिटेन वित्तिय साझेदारी (आईयूकेएफपी) से ‘फिनटेक और डेटा की शक्ति का उपयोग’ पर एक नए पेपर का शुभारंभ सहित व्यापारिक नेताओं की प्रस्तुतियां भी शामिल थीं। आईयूकेएफपी के सह-अध्यक्ष बिल विंटर्स और उदय कोटक ने दोनों देशों के फिनटेक, पूंजी बाजार और पेंशन पारिस्थितिकी तंत्र के बीच अधिक संबंधों को सुविधाजनक बनाने के लिए आश्वस्त किया।

अधिक जानकारी

  • वित्तीय बाजार वार्ता पर संयुक्त वक्तव्य Gov.uk पर उपलब्ध है,यहाँ - https://www.gov.uk/government/publications/india-uk-2nd-financial-markets-dialogue-joint-statement
  • आज भाग लेने वाली स्वतंत्र नियामक एजेंसियों में भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण, बैंक ऑफ इंग्लैंड और वित्तीय आचरण प्राधिकरण शामिल थे।
  • ब्रिटेन-भारत वित्तीय बाजार वार्ता के निर्माण पर 2020 में प्रधान मंत्री ऋषि सुनक (पूर्व में राजकोष के चांसलर) और भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 10 वीं आर्थिक और वित्तीय वार्ता में सहमति व्यक्त की गई थी।

मीडिया

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प्रेस और संचार प्रमुख, ब्रिटिश उच्चायोग,
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प्रकाशित 20 April 2023