ब्रिटेन और भारत द्वारा साझा चुनौतियों पर आधारित आधुनिक सहभागिता का निर्माण
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए, डेविड कैमरन ने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन और भारत किस प्रकार हमारी सुदृढ़ सहभागिता को और मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
- प्रधानमंत्री साझा अभिरुचियों तथा चुनौतियों के आधार पर संबंधों को पुनर्जीवित करने तथा आधुनिक सहभागिताओं का निर्माण करने जा रहे हैं
- आर्थिक सहयोग को और गहन बनाने के संकेतों के रूप में वाणिज्यिक समझौते होने की संभावना है
- ब्रिटेन तथा भारत स्मार्ट सिटी, व्यापारिक प्रतिस्पर्धा तथा मूलभूत संरचना के क्षेत्रों में सहयोग करेंगे
चूंकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के अपने प्रथम आधिकारिक भ्रमण की शुरुआत कर रहे हैं, अतः दोनों नेता ब्रिटेन-भारत संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत करने के इच्छुक होंगे, जो साझा चुनौतियों को स्वीकार करने तथा पारस्परिक समृद्धि को प्रोत्साहित करने पर आधारित तथा हमारे दोनों देशों के मध्य एक आधुनिक सहभागिता के निर्माण पर केंद्रित होगा।
भारत के प्रधानमंत्री का ब्रिटेन में स्वागत करते हुए, डेविड कैमरन कहेंगे, कि ब्रिटेन और भारत को हमारी सुदृढ़ साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री इसका वर्णन करेंगे कि किस प्रकार भारत में ब्रिटेन, सभी जी20 देशों में पहले से ही सबसे बड़ा निवेशक है, और इसके साथ ही भारत शेष यूरोपीय संघ से अधिक अकेले ब्रिटेन में निवेश करता है। इससे हमारी जनता के रहन-सहन में परिवर्तन लाने के साथ ही, रोजगार के सृजन, संवृद्धि को प्रोत्साहन तथा हमारी अर्थव्यवस्थाओं को अधिक सुरक्षित बना रहा है। किंतु इस दिशा में और भी अधिक आगे तक बढ़ने की संभावनाएं मौजूद हैं। प्रधानमंत्री यह स्पष्ट करेंगे कि क्यों इस दौरे में ब्रिटिश कंपनियां भारत में नए समझौतों की घोषणा पर विचार करेंगी, जिसके तहत वे और अधिक भारतीय कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही, व्यवसाय में विस्तार तथा ब्रिटिश डिजाइन तथा नवीन उत्पादों के लिए नए बाजार सुनिश्चित करेंगी।
इस यात्रा से पहले डेविड कैमरन ने कहा:
यह केवल एक ऐतिहासिक भ्रमण मात्र नहीं, बल्कि यह एक ऐतिहासिक अवसर भी है। यह दोनों देशों के लिए एक अवसर है, जो अपने इतिहास, जनता तथा मूल्यों द्वारा आपस में संबद्ध, तथा हमारे युग की वृहत्तम चुनौतियों के समाधान हेतु साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी और मैं इस चुनौती को दोनों हाथों से स्वीकार करने के इच्छुक हैं। क्योंकि ऐसा करते हुए, हम इस दुनिया में अपने दोनों महान देशों को और भी महान बना सकते हैं।
आनेवाले दिनों में कई अरब पाउंड के वाणिज्यिक समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावनाओं के साथ, साझा समृद्धि के संबंधों के निर्माण पर केंद्रित घोषणाओं में सम्मिलित होंगे:
- विदेश में रुपया बांड के लिए ब्रिटेन को केंद्र बनाए जाने की योजनाएं- जिसके साथ भारतीय कंपनियों से अपेक्षा है कि वे लंदन में अपनी मुद्रा में नामांकित ऋण जारी करने के इरादे की घोषणा करें
- भारत में 3 स्मार्ट सिटी विकसित करने की साझेदारी- जिसमें भारत को ब्रिटिश विशेषज्ञता का लाभ प्रदान करते हुए ब्रिटिश कंपनियों को अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे
- निजी क्षेत्र के अवसंरचना निवेश का लाभ उठाने के भारतीय प्रयासों को ब्रिटेन द्वारा विशेषज्ञ सहयोग प्रदान किया जाएगा तथा व्यवसाय करने के अवसरों को सुगम बनाया जाएगा।
डाउनिंग स्ट्रीट में आज की बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री कई प्रकार के मसलों पर चर्चा करेंगे, जिनके तहत इसकी चर्चा सम्मिलित होगी कि हम अपने दोनों देशों के भविष्य के लिए निवेश, नवीन उत्पाद तथा संवृद्धि के माध्यम से तय किए गए लक्ष्यों हेतु किस प्रकार एक दूसरे के लिए सहायक हो सकते हैं।