यूके-भारत रक्षा समझौते ‘आत्मनिर्भर भारत’ महत्वाकांक्षा को बढ़ावा देते हैं
यूके-भारत रणनीतिक साझेदारी ने एक और महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है, जिसमें डिफेंस पार्टनरशिप – इंडिया (DP-I) का आधिकारिक शुभारंभ और एयरो इंडिया 2025 में कई रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

DP-I की घोषणा करते हुए, यूके के रक्षा मंत्री लॉर्ड वर्नन कोकर ने यूके-भारत रक्षा साझेदारी मंडप का उद्घाटन किया और यूके के रक्षा मंत्रालय के भीतर एक विशेष कार्यक्रम कार्यालय स्थापित करने की घोषणा की। यह कार्यालय दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सिंगल विंडो समाधान के रूप में कार्य करेगा।
आज, यूके और भारत ने अगली पीढ़ी के हथियारों पर अपने सहयोग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें थेल्स और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) की साझेदारी शामिल है। थेल्स और BDL ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत लेजर बीम राइडिंग MANPADs (LBRM) की आपूर्ति की जाएगी। प्रारंभिक चरण में हाई-वेलोसिटी मिसाइल (STARStreak) और लॉन्चर की आपूर्ति इस वर्ष की जाएगी। यह समझौता हवाई रक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में यूके-भारत रक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण अगला कदम है।
यूके के रक्षा मंत्री लॉर्ड वर्नन कोकर ने कहा:
भारत आना और हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी को और आगे बढ़ाना मेरे लिए सम्मान की बात थी। हमारी रक्षा साझेदारी और यूके-भारत रक्षा साझेदारी मंडप हमारे सहयोग को और मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे दोनों देशों में आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा और भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ महत्वाकांक्षा को बल मिलेगा।
यह आयोजन अगली पीढ़ी की क्षमता में हमारे सहयोग को प्रदर्शित करता है और यह दिखाता है कि यूके और भारत साथ मिलकर कितनी व्यापक संभावनाओं को साकार कर सकते हैं।
इस प्रारंभिक LBRM अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद, थेल्स और BDL आगे सहयोग कर लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) का उत्पादन करेंगे। यह समझौता भारतीय और ब्रिटिश उद्योगों के बीच भागीदारी का विस्तार करता है, जिससे BDL और भारतीय रक्षा उद्योग थेल्स की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न हिस्सा बन सकें। यह सहयोग साझा सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करेगा, दोनों देशों में रोजगार सृजित करेगा और दोनों सेनाओं के बीच समन्वय को मजबूत करेगा।
ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरन ने कहा:
भारत अपनी रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। यूके इस महत्वाकांक्षा को समर्थन देने के लिए भारत के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में सहयोग करने को लेकर उत्साहित है। रक्षा प्रौद्योगिकियों में सहयोग हमारी साझेदारी का मूल आधार है। ये ऐतिहासिक समझौते हमारे आर्थिक विकास और साझा सुरक्षा को सुदृढ़ करने में सहायक होंगे।
एक अन्य विकास के तहत, MBDA यूके और BDL हैदराबाद में एडवांस्ड शॉर्ट-रेंज एयर टू एयर मिसाइल (ASRAAM) असेंबली और परीक्षण सुविधा स्थापित करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। यह सुविधा भारत के मौजूदा लड़ाकू विमानों को सशक्त बनाने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर निर्यात के लिए भी तैयार की जा रही है।
समुद्री क्षेत्र में, यूके और भारत ने इंटीग्रेटेड फुल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (IFEP) प्रणाली को डिजाइन और विकसित करने के लिए एक इरादा पत्र (Statement of Intent) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह प्रणाली भारत के अगली पीढ़ी के लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPD) बेड़े के लिए विकसित की जाएगी। इसके अगले चरण में, GE वर्नोवा और BHEL भारत की पहली समुद्री भूमि आधारित परीक्षण सुविधा विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं, जिससे 2030 तक LPD को पानी में उतारा जा सके।
यूके-भारत साझेदारी को और मजबूत करना भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ महत्वाकांक्षा का प्रत्यक्ष समर्थन करेगा और यूके सरकार के विकास एजेंडा और परिवर्तन योजना (Plan for Change) को साकार करने में योगदान देगा।
अधिक जानकारी
-
यूके प्रतिनिधिमंडल की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियां, जो एयरो इंडिया में ली गई हैं, निःशुल्क उपयोग के लिए ऑनलाइन अपलोड की जाएंगी: www.flickr.com/photos/ukinindia।
-
एयरो इंडिया 2025 में भाग लेने वाली ब्रिटिश कंपनियां: रोल्स रॉयस, BAE सिस्टम्स, MBDA यूके, थेल्स यूके, GE वर्नोवा, लियोनार्डो, स्ट्रॉन्गफील्ड टेक्नोलॉजीज, ASL, SEKO लॉजिस्टिक्स, जगुआर इंजीनियरिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, एविएशन डिफेंस सप्लाईज लिमिटेड और रिकार्डो।
-
LBRM अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद, थेल्स यूके और BDL आगे सहयोग करेंगे और लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) का संयुक्त उत्पादन करेंगे, जिसमें BDL थेल्स की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न हिस्सा बनेगा और वैश्विक निर्यात के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी।
-
यूके रक्षा मंत्रालय ने 2024 में £69 मिलियन का निवेश किया, ताकि थेल्स यूके की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित किया जा सके, जिससे मिसाइल निर्माण में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण घटकों की सुनिश्चित आपूर्ति हो सके।
-
ऐतिहासिक समुद्री इलेक्ट्रिक प्रणोदन क्षमता हस्तांतरण (Maritime Electric Propulsion Capability Transfer) भारतीय नौसेना के अगली पीढ़ी के बेड़ों के लिए बिजली और प्रणोदन में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करेगा।
मीडिया
डेविड रसेल, संचार सलाहकार और प्रवक्ता,
ब्रिटिश उच्चायोग, चाणक्यपुरी,
नई दिल्ली 110021। टेलिफोन: 241921000
मीडिया प्रश्न: BHCMediaDelhi@fcdo.gov.uk
Follow us on Twitter, Facebook, Instagram, Flickr, Youtube and LinkedIn
Updates to this page
प्रकाशित 10 फरवरी 2025पिछली बार अपडेट किया गया 19 फरवरी 2025 + show all updates
-
Added translation
-
First published.