यूके-भारत के बीच जल सुरक्षा पर सहयोग
यूके के सेंटर फॉर ईकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी (सीईएच) तथा इंडियन इंस्टिट्युट ऑफ साइंस (IISc), बेंगलूरु ने हाल ही में एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया।
इस समझौता पत्र के तहत जल सुरक्षा, वायु प्रदूषण के प्रभाव, मृदा स्वास्थ्य तथा धारणीयता जैसी प्रमुख चुनौतियों पर दोनों देशों के सहयोग स्थापित किया जाएगा। इस एमओयू पर IISc के रजिस्ट्रार डॉ. मोहन दास तथा सीईएच के निदेशक प्रो. मार्क बेली ने बुधवार को IISc में हस्ताक्षर किए।
ये दोनों संगठन सहयोगपूर्ण अनुसंधान के विकास, अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिकों तथा संयुक्त स्टाफ व छात्रों के आदान-प्रदान के अवसरों की पहचान करेंगे। सीईएच के वैज्ञानिकों के लिए एक आरंभिक परियोजना है- IISc टीम के साथ काम करना, जिसके तहत मैसूर के पास के IISc कैचमेंट एरिया में मृदा की नमी की निगरानी की जाएगी । सीईएच इस कार्य के लिए अत्याधुनिक कॉस्मिक रे स्वाइल मॉइस्चर मेजरिंग डिवाइस, कॉसमोस की आपूर्ति करेगा तथा IISc के स्टाफ तथा छात्रों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित करेगा।
प्रॉफेसर ऐलन जेन्किंस, उप-निदेशक, सीईएच ने कहा:
इस प्रकार का सहयोग पर्यावरण की बड़ी चुनौतियों, जैसे कि जल सुरक्षा तथा मृदा धारणीयता के मुद्दों पर अनुसंधान को बढ़ावा देगा। हम निकट भविष्य में कई सारी परियोजनाओं के लिए IISc के साथ सहयोग करेंगे।
प्रॉफेसर प्रदीप मजूमदार, सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, IISc ने कहा:
यूके के अग्रणी पर्यावरण विज्ञान संस्थान के साथ इस जुड़ाव से हमारी मृदा तथा जल प्रणाली की समझ में अहम उन्नति करने और आवश्यक पारितंत्र सेवाएं प्रदान करने हेतु उन्हें बेहतर रूप से प्रबंधित करने के अवसर प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर मौजूद व्यक्तियों में शामिल थे:
- प्रोफेसर अनुराग कुमार, निदेशक इंडियन इंस्टिट्युट ऑफ साइंस (IISc)
- प्रोफेसर मार्क बेली, निदेशक, सेंटर फॉर ईकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी (CEH)
- प्रोफेसर कमानिओ चट्टोपाध्याय, चेयरमैन डिविजन ऑफ मेकैनिकल साइंसेज, इंडियन इंस्टिट्युट ऑफ साइंस (IISc)
- प्रॉफेसर ऐलन जेंकिंस, डेप्युटी डाइरेक्टर सीईएच तथा डाइरेक्टर ऑफ वाटर एंड पॉल्यूशन साइंस।
- इयान फेल्टन, ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, बेंगलूरु।
- डॉ. नफीस मेह, निदेशक अनुसंधान काउंसिल्स यूके (RCUK) भारत।
- डॉ. एन मोहन दास, रजिस्ट्रार, इंडियन इंस्टिट्युट ऑफ साइंस (IISc)
- प्रोफेसर ऊषा विजयराघवन, चेयरपर्सन इंटरनेशनल रिलेशंस सेल, इंडियन इंस्टिट्युट ऑफ साइंस (IISc)
- प्रोफेसर प्रदीप मजूमदार, इंडियन इंस्टिट्युट ऑफ साइंस (IISc)
संपादकों के लिए नोट्स
- द सेंटर फॉर ईकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी (CEH): भूमि तथा मीठे जल के पारितंत्रों में समेकित अनुसंधान तथा वायुमंडल के साथ उनकी अंतःक्रियाओं हेतु यूके का सेंटर ऑफ एक्सिलेंस है। CEH नेचुरल एंवायर्न्मेंट रिसर्च काउंसिल (NERC) का एक हिस्सा है, जिसमें इंग्लैंड, स्कॉटलैंड तथा वेल्स के चार प्रमुख स्थानों में 450 लोग काम करते हैं, जहां पीएचडी के 150 छात्र हैं और इसका समग्र बजट लगभग £35m का है। CEH जटिल पर्यावरण चुनौतियों से निपटता है और व्यावहारिक निदान पेश करता है, ताकि आने वाली पीढ़ियां एक समृद्ध और स्वस्थ पर्यावरण से लाभंवित को सकें।
CEH के हालिया रिसर्च में विकास के लिए twitter तथा RSS news feed पर जाएं। CEH पर कुछ और जानकारी।
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नेचुरल एंवायरन्मेंट रिसर्च काउंसिल (NERC): विश्व-स्तरीय अनुसंधान, प्रशिक्षण के लिए फंडिंग तथा पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में ज्ञान का आदान-प्रदान करने वाली यूके की मुख्य एजेंसी है। यह दुनिया की कुछ सर्वाधिक रोमांचक अनुसंधान परियोजनाओं को समन्वित करती है और जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य पर पर्यावरण का असर, धरती पर जीवन का जेनेटिक मेक-अप जैसे कई मुद्दों से निपटने का प्रयास करती है। सरकार के विज्ञान बजट से NERC को हर वर्ष लगभग £300m राशि की प्राप्ति होती है, जिसका इस्तेमाल यह अनुसंधान तथा प्रशिक्षण के कार्यों तथा अपने स्वयं के अनुसंधान केंद्रों में करती है।
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द इंडियन इंस्टिट्युट ऑफ साइंस, बेंगलूरु: इसकी स्थापना 1909 में हुई। यह संस्थान विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के क्षेत्र के उच्च शिक्षण तथा उच्च अनुसंधान से जुड़ा है। पिछले एक सदी से इस संस्थान ने देश के उच्च शिक्षण वाले संस्थानों में अपना पहला स्थान बनाए रखा है। यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है तथा विज्ञान, इंजीनियरिंग तथा प्रौद्योगिकी के कई विषयों में अनुसंधान तथा विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता है। इस संस्थान में लगभग 40 विभाग तथा केंद्र हैं।
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