समाचार कथा

तीसरे देशों में सहयोग की भागीदारी की इच्छा पर यूके-भारत का बयान

भारत सरकार तथा ब्रिटेन सरकार द्वारा विकासशील देशों के साथ त्रिपक्षीय सहयोग की मंशा को लेकर बयान जारी किया गया।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था

विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रतिनिधित्व द्वारा भारत सरकार तथा ब्रिटिश सरकार व उत्तरी आयरलैंड की सरकार ने, जिसे डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट (डीएफआइडी) द्वारा प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया और जिनका अब से ‘प्रतिभागी’ के रूप में जिक्र किया जाएगा, विकासशील देशों के साथ त्रिपक्षीय सहयोग की इच्छा को लेकर एक बयान जारी किया।

प्रयोजन तथा उद्देश्य

इस बयान का उद्देश्य है भारत तथा यूके के बीच संयुक्त सहयोग के लिए एक फ्रेमवर्क प्रदान करना ताकि विकासशील देशों को कई क्षेत्रों में मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें मदद प्रदान की जा सके।

सहयोगी गतिविधियां

यह समझते हुए कि एक साझी संस्कृति, मूल्यों तथा रणनैतिक हितों के आधार पर भारत तथा यूके के बीच एक मजबूत, व्यापक तथा प्रगाढ़ संबंध बनाना क्षेत्रीय तथा वैश्विक समृद्धि के लिए अहम है, भारत सरकार तथा यूके सरकार ने विकासशील देशों की विकास चुनौतियों से मुकाबला करने की उनकी क्षमता में विस्तार करने हेतु मदद के लिए साथ मिलकर कार्य करने की मंशा जताई।

भूमिकाएं तथा जिम्मेदारियां

एमईए तथा डीएफआइडी ने साथ मिलकर काम करने की मंशा जताई ताकि इस बयान के तहत पारस्परिक रूप से सहायक गतिविधियों की पहचान की जा सके, जिनके माध्यम से तीसरे देशों के साथ पूर्ण रूप से मांग प्रेरित तरीके से भागीदारी निभाई जा सके।

विशेष क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए फंडिंग के प्रयोजन तथा विधियों पर एमईए तथा डीएफआइडी द्वारा पारस्परिक रूप से सहमति जताई जाएगी।

सामान्य प्रावधान

यह बयान फंडों के प्रति कोई बंधन नहीं डालता है या न ही कोई कानूनी बाध्यताएं प्रदान करता है, अथवा एक सरकार से दूसरे अथवा तीसरे पक्षों को घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत कोई अधिकार नहीं प्रदान करता है। इस बयान द्वारा प्रस्तुत प्रयास स्टाफ, संसाधनों, फंडों तथा अन्य संबद्ध समझौतों की उपलब्धता पर ही लागू होंगे। इस बयान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो इस बयान से पहले या इसपर हस्ताक्षर करने के पश्चात प्रतिभागियों द्वारा संपन्न किसी समझौतों या अनुबंधों को किसी भी तरीके से प्रभावित करता है या उनमें हस्तक्षेप करता हो।

इस बयान को एमईए तथा डीएफआइडी की सहमति से संशोधित किया जा सकता है। दोनों ही प्रतिभागी इस बयान में अपनी भागीदारी को लिखित रूप में सूचित कर रद्द कर रहता है, जिसके लिए उन्हें कम से कम 30 दिनों की नोटिस देनी होगी।

हस्ताक्षर करने के बाद यह बयान प्रभावी हो जाएगा तथा यह 12 नवम्बर 2020 तक या उपरोक्त में वर्णित अनुसार जारी रहेगा। इस बयान को प्रतिभागियों की पारस्परिक लिखित सहमति से आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

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प्रकाशित 13 November 2015