न्यूटन फंड के तहत विकास के लिए ब्रिटेन और भारत साथ आये
2014 से हर साल 7.5 करोड़ पाउंड का कोष 5 सालों तक मुहैया कराया जाता रहेगा और इसके तहत 3 व्यापक श्रेणियां होंगी।
नव-घोषित ‘न्यूटन फंड’ उदीयमान देशों में विज्ञान और अभिनव खोजों की क्षमता को प्रोत्साहित करेगा और इससे ब्रिटेन के साथ उन देशों के संबंध मजबूत होंगे।
इस फंड के तहत ब्रिटेन शोध सहभागिताओं, शोधार्थियों तथा छात्रों की गतिशीलता एवं सहभागिता योजनाओं को सहायता देने, वैज्ञानिक संस्थानों के बीच सहयोग मजबूत करने, अभिनव भागीदारियों और नई खोज करने की क्षमता विकसित करने में सहायता करने के लिए भारत सहित अन्य उदीयमान देशों के काम करेगा।
5 सालों में 37.5 करोड़ पाउंड की राशि से ब्रिटेन अपनी क्षमताओं का उपयोग आर्थिक विकास को गति देने के लिए वैज्ञानिक शोधों का इस्तेमाल करने तथा भविष्य में अभिनव अनुसंधानों और खोजों में अग्रणी रहने वाले देशों के साथ दीर्घकालीन सहयोग-संबंध विकसित करते हुए विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में कल्याण हेतु करेगा।
इस फंड के तहत 3 व्यापक श्रेणियां शामिल की जाएंगी:
- लोग: विज्ञान और आविष्कारी विशेषज्ञता को बढ़ाना (जिसे ‘क्षमता निर्माण’ कहा जाता है), छात्र और रिसर्च फेलोशिप, गतिशीलता बढ़ाने वाली योजनाएं तथा संयुक्त केन्द्र
- कार्यक्रम: विकास के मुद्दों पर शोध सहभागिताएं
- रूपांतरण: विकास संबंधी मुद्दों पर अभिनव समाधान विकसित करने हेतु आविष्कार सहभागिता और चुनौती कोष।