विश्व की समाचार कथा

बाढ़ के बाद केरल के पुनर्निर्माण के लिए ब्रिटेन-भारत की कार्यशाला

यह कार्यशाला जीवंत भविष्य हेतु केरल के पुनर्निर्माण के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकारी एजेंसियों को साथ लाने पर केंद्रित रही।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
Kerala

लीड्स यूनिवर्सिटी, यूके और टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, केरल ने 6 से 7 जनवरी 2019 को त्रिवेंद्रम में ‘बाढ़ के बाद एक जीवंत केरल के पुनर्निर्माण’ नामक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला की मेजबानी की।

कार्यशाला के माध्यम से, दोनों देशों के प्रमुख हितधारकों ने संयुक्त तौर पर निम्नलिखित कार्यों से निपटने के लिए अल्पकालिक, मध्यम कालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को चिन्हित किया:

  • जीवंत तरीके से महत्वपूर्ण और सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर का पुनर्निर्माण
  • जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में आने वाली बाढ़ से निपटने की क्षमता को विकसित करना
  • स्थायी और जीवंत समाज के लिए भूमि उपयोग की योजना
  • उपरोक्त तीन पहलुओं से निपटने के लिए अगली पीढ़ी के इंजीनियरों को शिक्षित करना

यूके-भारत द्विपक्षीय साइंस व इनोवेशन भागीदारी में सहयोग करने के लिए न्यूटन-भाभा फंड के तत्वावधान में केरल राज्य योजना बोर्ड, केरल सरकार और रॉयल अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग (यूके) द्वारा इस कार्यशाला की सह-मेजबानी की गई थी।

उप उच्चायुक्त जेरेमी पिल्मोर-बेडफोर्ड ने कहा:

मुझे खुशी है कि संयुक्तं रूप से वित्त पोषित यूके-भारत न्यूटन-भाभा फंड, बाढ़ के बाद विज्ञान एवं अन्वेषण के पुनर्निर्माण हेतु त्रिवेंद्रम में इस तरह की महत्वपूर्ण चर्चा का सहयोग करने में सक्षम है। हमारे उच्चायुक्त सर डोमिनिक एस्किथ और मैने हाल ही में केरल के माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात करके बाढ़ के दौरान हुए जान-माल के नुकसान के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और हमें खुशी है कि यूके-केरल के एकेडमिक और रिसर्च प्रैक्टिशनर्स जानकारियों को साझा करने के इस सामयिक कार्यक्रम के लिए साथ आ रहे हैं।

इस कार्यक्रम से यह बात उजागर होती है की किस तरह भारत और ब्रिटेन की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं वास्तविक दुनिया की उन समस्याओं को हल करने में मदद कर सकती हैं जिनसे वैश्विक चुनौतियों का भी सामना किया जा सकता है। निश्चित रूप से यह व्यापक कार्य का हिस्सा है। न्यूटन-भाभा फंड ने केरल में सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण, स्थायी नगर और शहरीकरण, ऊर्जा-जल-भोजन, बिग डेटा, उन्नत विनिर्माण और कौशल जैसे क्षेत्रों की 61 परियोजनाओं और अनुदानों में सहयोग किया है।

कार्यशाला के पहला दिन रिसर्च अपडेट्स पर प्रस्तुतियां दी गई और दूसरे दिन चार निम्नलिखित चार चुनिंदा विषयों पर पैनल चर्चा की गई:

  • इंफ्रास्ट्रक्चर का पुनर्निर्माण
  • भविष्य में बाढ़ से निपटने के लिए क्षमता का निर्माण
  • भूमि उपयोग योजना
  • प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अगली पीढ़ी के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को शिक्षित करना।

यूके और भारत के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने शोध पत्र का प्रस्तुतिकरण किया जिनमें शामिल थे:

  • शारद शर्मा, रॉयल एकेडमी ऑफ़ इंजीनियरिंग;
  • डॉ. पी.ए. मुहम्मद बशीर, लीड्स विश्वविद्यालय
  • डॉ. पी.पी. सुधीर, आईआईटी मद्रास और
  • डॉ. पी.पी. मुजुमदार, आईआईएससी बैंगलोर.

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्ति थे:

  • ए.सी. मोइद्दीन, मिनिस्ट्री फॉर लोकल सेल्फ-गवर्नेंस
  • एस.एम. विजयानंद आईएएस
  • डॉ. एम.एम. अब्राहम आईएएस
  • पीएच कुरियन आईएएस,
  • श्री. चेरियन फिलिप, स्टेट कोऑर्डिनेटर, नव केरलम कर्मा पदति, केरल सरकार
  • डॉ. वी.के. रामचंद्रन (उपाध्यक्ष, केरल राज्य योजना बोर्ड)

शरद शर्मा, सीनियर मैनेजर, रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, यूके और डॉ. पीए मोहम्मद बशीर, रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के फेलो और लीड्स के सिविल इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हेड, यूके ने कहा:

इंजीनियरिंग का मतलब चीजों को काम कराने और चीजों को बेहतर बनाने से है। बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के संदर्भ में देखा जाए, तो यह स्पष्ट है कि बदलते जलवायु के बीच और बाहरी आघात से समाज की रक्षा करने के लिए हमारे जटिल इंफ्रास्ट्रक्चर और सोशियोटेक्निकल सिस्टम में लचीलापन लाने में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

अकादमी को न्यूटन-भाभा फंड के माध्यम से केरल राज्य के साथ जुड़ने के लिए मिले इस अवसर पर गर्व है। यह बाढ़ के बाद के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण समय है और सरकार, उद्योग व शिक्षाविदों के हितधारकों के बीच साझा समझ का होना और संयुक्त रूप से सबकी भलाई के लिए सहयोग करने की योजना को विकसित करना आवश्यक है।

कार्यशाला आयोजित करने की पहल का स्वागत करने वाले, टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डॉ. एस. अयूब ने कहा:

केरल के शैक्षणिक संस्थान के इतिहास में पहली बार विश्व स्तर पर प्रसिद्ध लीड्स विश्वविद्यालय, यूके और रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (यूके) और केरल स्टेट प्लानिंग बोर्ड के सहयोग से इस स्तर की अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

कार्यशाला की थीम ‘2018 की बाढ़ के बाद एक जीवंत केरल का पुनर्निर्माण’ ऐसे समय में अत्यधिक प्रासंगिक है जब राज्य स्थायी तरीकों से भविष्य के केरल के निर्माण के लिए विभिन्न पहलुओं और विकल्पों की तैयारी और जांच कर रहा है।

केरल स्टेट काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट एंड टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंंप्रूवमेंट प्रोग्राम द्वारा भी इस कार्यशाला का समर्थन किया गया।

अधिक जानकारी

न्यूटन-भाभा फंड

न्यूटन-भाभा फंड एक ऐसी साझेदारी है जिसका उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों के संयुक्त समाधान को खोजने के लिए ब्रिटेन और भारतीय वैज्ञानिक, अनुसंधान और नवाचार को साथ लाना है। 7 यूके डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा अपने भारतीय समकक्षों के साथ समान साझेदारी और मिलान संसाधनों के माध्यम से इसकी डिलीवरी की जाती है। न्यूटन-भाभा फंड में क्षमता निर्माण कार्यक्रम जैसे पीएचडी पार्टनरशिप, फेलोशिप, प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के अवसर; यूके और भारतीय शोधकर्ताओं की अगुआई में अनुसंधान परियोजनाएं और; औद्योगिक भागीदारों की अगुआई में नवाचार परियोजनाएं शामिल हैं।

लीड्स विश्वविद्यालय, यूके

1904 में स्थापित यह विश्वविद्यालय, यूके के सबसे बड़े उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है। लीड्स विश्वविद्यालय अपने शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है।

टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, भारत

केरल का पहला सरकारी सहायता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, तकनीकी शिक्षा के लिए अग्रणी संस्थान है जिसका संचालन टीकेएम कॉलेज ट्रस्ट द्वारा किया जाता है और जिसका नेतृत्व डॉ. शाहल हसन मुसलीर करते हैं और इसने छह दशक पूरे कर लिए हैं।

केरल स्टेट प्लानिंग बोर्ड

केरल स्टेट प्लानिंग बोर्ड, केरल सरकार के अधीन एक सलाहकार बोर्ड है। बोर्ड का गठन राज्य के संसाधनों के वैज्ञानिक मूल्यांकन व विकास प्राथमिकताओं के आधार पर राज्य सरकार की विकास योजनाओं को तैयार करने के लिए किया गया था।

केरल स्टेट काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवॉयरमेंट

केरल स्टेट काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवॉयरमेंट, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, केरल के तहत आने वाला एक स्वायत्त निकाय है। इस काउंसिल द्वारा साइंस से संबंधित जानकारियों को बढ़ाने वाले कार्यक्रमों को प्रोत्साहित व सक्रिय किया जाता है और निरंतर विकास के लिए नीतियों का निर्माण किया जाता है।

मीडिया

मीडिया से संबंधित जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करें:

सैली हेडली, हेड ऑफ कम्युनिकेशन
प्रेस और कम्युनिकेशन, ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021
टेलीफोन: 24192100; फैक्स: 24192400

मेल करें: गायत्री प्रदीप

हमें फॉलो करें Twitter, Facebook, Flickr, Eventbrite, Blogs, Youtube, Instagram

Updates to this page

प्रकाशित 7 January 2019