विश्व की समाचार कथा

भारत के साथ मिलकर स्मार्ट शहर बनाने का ब्रिटेन का प्रस्ताव

यह रिपोर्ट ब्रिटिश कंपनियों की उस क्षमता को दर्शाती है, जिसका उपयोग स्मार्ट शहर बनाने के भारत के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में किया जा सकता है।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
Smart city report

वाणिज्य तथा निवेश मामलों के केंद्रीय मंत्री, लॉर्ड फ्रांसिस मॉड ने भारत के साथ सहयोग करने के उद्देश्य से आज एक रिपोर्ट का विमोचन किया जिसमें स्मार्ट शहरों के लिए ब्रिटेन द्वारा दिए जा सकने वाले सर्वोत्तम सहयोग के बारे में बताया गया है।

भारतीय प्रधानमंत्री के भारत में 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लक्ष्य के मद्देनजर ब्रिटिश तथा भारतीय कंपनियों के लिए संभावित अवसरों को रेखांकित करने हेतु यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) इंडिया द्वारा अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट ‘इंडियाज स्मार्ट सिटीज प्रोग्राम- द यूके ऑफर टू बिल्ड टुगेदर’ पेश की गई।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को यह रिपोर्ट सौंपते हुए लॉर्ड मॉड ने कहा:

जबकि भारत 100 स्मार्ट शहर बसाने की अपनी महत्वाकांक्षा पर काम करने जा रहा है, ब्रिटेन इसमें एक महत्वपूर्ण साझेदार की भूमिका निभाने को आशान्वित है। स्मार्ट शहरों के निर्माण में हम अपनी विशेषज्ञता भारत के साथ साझा करने को इच्छुक हैं। हम इस अवसर को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और यूकेटीआई की ओर से पेश यह रिपोर्ट उन बिन्दुओं को रेखांकित करती है जहां ब्रिटेन भारत की आकांक्षाओं की पूर्ति में सर्वोत्तम सहायता कर सकता है।

यह रिपोर्ट भारत को उसके महत्वाकांक्षी स्मार्ट शहर कार्यक्रम में सहयोग करने की ब्रिटिश कंपनियों की क्षमता का विश्लेषण करती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत की महत्वाकांक्षा 100 नए स्मार्ट शहर बनाने की है और इसमें ब्रिटेन सहायता कर सकता है। …ब्रिटिश कंपनियों को भारत के समक्ष यह दर्शाते हुए स्पष्ट करना होगा कि वे भारतीय आवश्यकताओं को समझते हैं और उनमें इस दिशा में सहयोग करने की क्षमता है, और साथ ही भारतीय साझेदारों या भारतीय प्रधिकारों के समक्ष स्पष्टतापूर्वक अवसरों को प्रस्तुत करना होगा ताकि वे इस संदर्भ में रुचि दिखाएं। भारतीय स्मार्ट शहरों में मौजूदा कौशल अंतराल के मद्देनजर ब्रिटेन की क्षमता के विश्लेषण के आधार पर,… भारतीय स्मार्ट शहर के मार्केट में सहयोग करने के लिए ब्रिटिश कंपनियों के पास महत्वपूर्ण अवसर मौजूद हैं।”

इस रिपोर्ट में ऐसे अनेक क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां ब्रिटिश विशेषज्ञता भारत के लिए उपयोगी होगी, इसमें शामिल हैं- भौतिक क्षेत्र (सार्वजनिक परिवहन, जलापूर्ति, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण), डिजिटल क्षेत्र (आईसीटी, डेटा, सॉफ्टवेयर, ऐनालिटिक्स और स्मार्ट मीटरिंग), व्यावसायिक क्षेत्र (पेशेवर सेवाएं, नियामक मानदंड, वित्तीय और कानूनी), तथा सामाजिक (नगर निकाय की सेवाएं, समुदाय आधारित डिजायन और सेवाएं, ई-गवर्नेंस, स्वास्थ्य सेवा) जो कि स्मार्ट शहरों के लिए भारत सरकार के ड्राफ्ट फ्रेमवर्क में उल्लेखित चार स्तंभों के अनुरूप हैं।

आगे की जानकारी:

  • ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन एक नया महत्वाकांक्षी तथा विशिष्ट अभियान है, जो भारत- ब्रिटेन के वाणिज्यिक सहयोग को प्रमुखता से प्रदर्शित करता है। इस अभियान की शुरुआत, भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के आह्वान के प्रत्युत्तर में की गई है। इस अभियान में नई भगीदारियों को प्रोत्साहन तथा समर्थन प्रदान किया जाएगा, तथा भारत के प्रति ब्रिटेन की प्रतिबद्धता के मानक पर बेहतर जागरुकता को प्रोत्साहित किया जाएगा। कुल मिलाकर, यह दोनों देशों के बीच व्यवसाय की संवृद्धि पर लक्षित है।

स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

ईमेल करें: जागोरी धर

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प्रकाशित 11 September 2015