विश्व की समाचार कथा

कोरोनवायरस टीका के लिए ब्रिटेन ने £544 मिलियन का संकल्प लिया

यह फंडिंग सुनिश्चित करेगी कि ब्रिटिश वैज्ञानिक और शोधकर्ता वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करते रहें।

यह 2019 to 2022 Johnson Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
vaccine

यूके सरकार ने जी20 नेताओं के एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के बाद घोषणा में कोरोनोवायरस टीका को खोजने के लिए अतिरिक्त £210 मिलियन की सहायता का वादा किया है।

ब्रिटेन ने अब तक कुल मिलाकर 544 मिलियन पाउंड का वादा किया है, जो कि इसे सीइपीआइ – टीका खोजने के लिए बने अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन का सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनाता है।

अतिरिक्त फंडिंग की घोषणा करते हुए, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा:

जिस दौरान हमारे शानदार डॉक्टर और नर्स घर में कोरोनावायरस से लड़ रहे हैं, यह रिकॉर्ड ब्रिटिश फंडिंग पूरी दुनिया के लिए एक टीका खोजने में मदद करेगा। यूके के चिकित्सक और शोधकर्ता इस अग्रणी काम में सबसे आगे हैं।

भारत में कार्यकारी उच्चायुक्त जैन थॉम्पसन ने कहा:

यह महत्वपूर्ण घोषणा हमारे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ कोरोनवायरस के टीका को खोजने के लिए यूके की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमारा भारत के साथ पहले से ही अनुसंधान सहयोग का एक मजबूत रिकॉर्ड रहा है; इस तरह के समय में, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पहले से कहीं ज़्यादा अनिवार्य है।

फंडिंग का अतिरिक्त पैकेज यूके और दुनिया भर में कोरोनावायरस बीमारी के इलाज के लिए त्वरित परीक्षणों और दवाओं के विकास में काम आएगा। कोरोनोवायरस से पीड़ित लोगों की पहचान करना और उनमें सबसे प्रभावित लोगों के इलाज के लिए साधनों का होना मरने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण है।

अन्य जानकारी

यूके के नए फंडिंग में शामिल हैं

टीका विकसित करने के लिए 210 मिलियन पाउंड- यह फंडिंग सीइपीआइ संगठन को पहले से दिए गए £40 मिलियन के अतिरिक्त है। यह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को एक व्यावहारिक कोरोनावायरस का टीका विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में मदद करेगा।

कोरोनोवायरस रोगियों के लिए किफायती उपचार विकसित करने के लिए £40 मिलियन- यह चिकित्सीय अक्सेलेटर की सहायता करेगा, जो कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटी-रेट्रोवायरल या इम्युनोथैरेपी के तेजी से विकास के लिए एक फंड है- जो पहले से ही यूके स्थित वेलकम ट्रस्ट, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और मास्टरकार्ड द्वारा समर्थित है। इसका उद्देश्य आने वाले महीनों में ब्रिटेन सहित विश्व स्तर पर 10 मिलियन उपचार उपलब्ध कराना है।

आसानी से निर्मित परीक्षण उपकरणों को और विकसित करने के लिए £23 मिलियन-फाउंडेशन फॉर इनोवेटिव न्यू डायग्नोस्टिक्स के लिए यह अतिरिक्त फंडिंग है, जो शैक्षणिक संगठनों और दवा कंपनियों के बीच एक साझेदारी है। यह साझेदारी वर्तमान में रैपिड टेस्टिंग टेक्नोलॉजी का निर्माण करेगी - उस ही तरह जैसे बेडफोर्ड में यूके द्वारा फंडिंग प्राप्त मोलोजिक लैब ने नए प्रोटोटाइप का परीक्षण किया है।

टीकों पर यूके-भारत का संयुक्त शोध

रोटावायरस से हर साल डायरिया से डेढ़ लाख शिशुओं की मौत होती है। भारत, ब्रिटेन और विकासशील देश के शोधकर्ताओं के बीच एक परिवर्तनात्‍मक त्रिपक्षीय वैश्विक अनुसंधान साझेदारी है। इस अनुसंधान के माध्यम से पूरे भारत और अफ्रीका में टीकाकरण कार्यक्रमों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए रोटावायरस टीके का परीक्षण किया जा रहा है। यह यूके और भारत के बीच वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अनुसंधान और नई खोज का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे यूके, भारत और विकासशील देशों को लाभ तथा वैश्विक सार्वजनिक कल्याण में योगदान होता है।

मीडिया

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सैली हेडली, संचार प्रमुख
प्रेस और संचार, ब्रिटिश हाई कमीशन,
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दूरभाष: 24192100; फैक्स: 24192400

मेल करें: BHC Media Delhi

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प्रकाशित 27 March 2020