विश्व की समाचार कथा

ब्रिटेन स्टार्ट-अप पुरस्कार विजेता ‘रॉकेटशिप’ का ईंधन भरकर ब्रिटेन की व्यापार यात्रा पर रवाना

भारत के टेक रॉकेटशिप और देव टेक पुरस्कार विजेता निवेश के अवसरों और व्यापार का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की प्रक्रिया का अध्ययन करने ब्रिटेन की यात्रा पर हैं।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
TECH Rocketship Awards

भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआइटी) 29 जनवरी से 3 फरवरी तक टेक रॉकेटशिप पुरस्कार के 10 विजेताओं और देव टेक पुरस्कार के दो विजेताओं को ब्रिटेन की यात्रा पर ले जा रहा है।

टेक रॉकेटशिप पुरस्कार (टीआरए) का लक्ष्य है भारत और ब्रिटेन के स्टार्ट-अप, विश्वविद्यालयों और औद्योगिक नेताओं के बीच प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और सहयोग को बढ़ावा देना। भारत ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है और इसलिए इस पुरस्कार का उद्देश्य है भावी निवेशकों की पहचान करना और उन्हें ब्रिटेन के मार्ग से वैश्विकरण के लाभ से अवगत कराना।

इस प्रतियोगिता ने भारत के सर्वोत्तम उद्यमियों को ब्रिटेन और भारत के निवेशकों, इक्यूबेटर्स और बिजनेस हब के साथ अपनी प्रोफाइल बढ़ाने का अवसर दिया है। इनमें से कुछ विजेताओं को पहले ही व्यापारियों और बड़े अमीरातों द्वारा विशिष्ट अवसर मिल गए हैं।

निवेश के उपनिदेशक अमोल कलर ने कहा:

हम इस बात से अविश्वसनीय रूप से रोमांचित और गर्वित महसूस कर रहे हैं कि हमारे टेक रॉकेटशिप के विजेताओं को अब अपने ‘भव्य पुरस्कार’ का अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा-यानि ब्रिटेन की यात्रा कर यह अनुभव होगा कि विश्व के सबसे चर्चित व्यापार गंतव्य के पास प्रस्तुत करने के लिए क्या है। इस यात्रा को इस तरह आयोजित किया गया है कि ये विजेता सीधे ब्रिटेन के प्रौद्योगिकी और स्टार्ट-अप के अगुवाओं के साथ आकर खड़े रहने का अनुभव सकें, इंक्यूबेटर से वित्त पोषण करने वालों तक जहां वित्त पोषण अच्छे इरादे से आगे आते हैं।

मैं जानता हूं कि वे विश्व में डीजिटल बिजनेस के लिए सबसे उत्तम स्थान लंदन और स्कॉटलैंड और ब्रिस्टल की यात्रा कर अपने जीवन के इस सुनहरे अवसर का भरपूर लाभ उठाएंगे। मैं जानता हूं कि वे डीआइटी के विशेषज्ञों और प्रमुख पेशेवर सेवाओं के फर्म के साथ बिताए गए समय का पूरा लाभ उठाएंगे जो उन्हें ब्रिटेन के जरिए अपने व्यापार का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की सर्वोत्तम सलाह देंगे।

मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और मुझे आशा है कि उन्हें ब्रिटेन के स्थलों और चर्चित स्थानों का अनुभव करने का भी अवसर प्राप्त होगा। किसे पता कि बहुत बड़े अवसर का द्वार वहीं उपलब्ध हो।

शाही जोड़े ड्युक और डचेस ऑफ केम्ब्रिज द्वारा मुम्बई में अप्रैल 2016 में शुरू किए गए टेक रॉकेटशिप पुरस्कार का यह तीसरा वर्ष है। यह सितम्बर 2016 में शुरू किए गए देव टेक पुरस्कार का पहला वर्ष है, जो उन उद्यमियों की पहचान करता है जो भारत के गरीबों के लाभ के लिए नवीन प्रौद्योगिकी आधारित समाधान का निर्माण करते हैं और शिक्षा और कृषि समेत कई क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डालता है।

दोनों पुरस्कारों की घोषणा भारत -ब्रिटेन टेक समिट में की गई, जिसकी शुरुआत ब्रिटेन और भारतीय प्रधानमंत्रियों द्वारा नवम्बर 2016 में की गई थी। दोनों ही पुरस्कारों की कोशिश है ब्रिटेन और भारत के उद्यम पूंजीवादियों और एंजेल निवेशकों के समक्ष सबसे आरोह्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रौद्योगिकियों वाली भारतीय कम्पनियों को प्रस्तुत करना और साथ ही ब्रिटेन की प्रमुख सेवा प्रदाताओं को इन भारतीय कम्पनियों के समक्ष प्रस्तुत करना।

इंडियन एंजेल नेटवर्क (आइएएन) ने आवेदनों की संक्षिप्त सूची बनाने के लिए डीआइटी के साथ करीब से कार्य करके और दो विजेताओं के व्यापार में निवेश भी किया है।

आइएएन के सह-संस्थापक और निदेशक सौरभ श्रीवास्तव ने कहा:

भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र पिछले कुछ वर्षों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि का साक्षी रहा है, जहां वह अपनी स्थिति मजबूत करके विश्व का तीसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र बन गया है। टेक रॉकेट्शिप पुरस्कार उन नई प्रतिभाओं की सराहने पर ध्यान केंद्रित करता है जो परिस्थिति परिवर्तक के रूप में उभरे हैं। भारतीय स्टार्ट-अप वैश्विक बाजरों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले विश्व स्तरीय नवाचारों को जन्म दे रहे हैं।

डीआइटी आइएएन के साथ मिलकर भारत में नवाचारों और उद्यमिता के इसी गढ़ के सहयोग से भारत और ब्रिटेन के बीच स्टार्ट-अप पुल के निर्माण में जुटा है। इससे दोनों देशों के सर्वश्रेष्ठ गुण एक पटल पर एकत्रित होते हैं और कम्पनियों के लिए अनुसरणीय वैश्विक पदचिन्ह निर्माण होते हैं। आइएएन इस पुल के निर्माण हेतु एक महत्वपूर्ण मंच साबित होने के लिए टीआरए की सराहना करता है।

भारत पहले ही ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है और ब्रिटेन में 50% भारतीय निवेश प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए है जिसका कुल मूल्य 136 मिलियन पाउंड हो जाता है। भारतीय कम्पनियां 140 योजनाओं के जरिए 7,105 नौकरियों का निर्माण कर ब्रिटेन में दूसरी सबसे बड़ी रोजगार निर्माता बनकर भी उभरी हैं।

ब्रिटेन अपने विश्व में प्रमुख वित्तीय और पेशेवर सेवाओं और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र के जरिए भारतीय कम्पनियों के लिए विदेशों में अपने व्यापार का विस्तार करने का सर्वोत्तम मंच साबित हुआ है।  

आगे की जानकारी

टेक रॉकेटशिप पुरस्कार विजेता:

  1. बेंडफ्लेक्स रिसर्च एंड डेवलप्मेंट प्राइवेट लिमिटेड
  2. कैशकुमार (वेंचर ऑफ इटाइकॉल टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड)
  3. गेट माइ पार्किंग
  4. प्रोमेथिअन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड
  5. क्विजवर्क्स
  6. रेपअप
  7. टैलोसिटी इंस्टासोल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड
  8. ग्रींलिट इंडिया ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड
  9. प्लैनेट सुपरहीरोज
  10. पैरेटस नॉलेज वेंचर्स

देव टेक पुर्सकर विजेता:

  1. मदर डाइग्नॉस्टिक्स सिस्टम्स
  2. जेके नैनोसोल्युशंस

मीडिया की अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:

स्टुअर्ट एडम
निदेशक, प्रेस एवं संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021
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प्रकाशित 30 January 2017