समाचार कथा

लंदन स्टॉक एक्सचेंज में विश्व के पहले 'मसाला' बॉण्ड की शुरुआत

किसी भी भारतीय कम्पनी द्वारा सूचीबद्ध किया जाने वाला पहला ऑफशोर रुपया-नामित “मसाला” बॉन्ड।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था

विश्व के प्रमुख वित्तीय केंद्र के रूप में लंदन का दर्जा तब और प्रभावी हुआ, जब भारत के बाहर किसी भारतीय कम्पनी द्वारा दुनिया का पहला ‘मसाला’ या रुपया-नामित बॉन्ड लंदन के शेयर बाजार में आज यानी 1 अगस्त 2016 को जारी किया गया।

एक्सचेकर के चांसलर फिलिप हैमंड ने हाउसिंग डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एचडीएफसी) द्वारा इस ऐतिहासिक सूचीकरण का स्वागत किया। एचडीएफसी भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक है और भारत में आवास के लिए वित्तीय सहायता देने वाला प्रमुख बैंक है।

एचडीएफसी पहली ऐसी कम्पनी है, जिसने इस तरह का बॉन्ड जारी किया है और लंदन में उसके बॉन्ड जारी करने का निर्णय इस ओर स्पष्ट संकेत देता है कि लंदन दुनिया का सर्वश्रेष्ठ वित्तीय केंद्र है।

इस बॉन्ड ने 30 बिलियन भारतीय रुपए यानी 450 मिलियन यूएस डॉलर बटोरे हैं। यह तीन साल में परिपक्व होगा और यह 8.33% की दर से सालाना प्रतिफल देगा। यह चार गुना से ज्यादा ओवरसब्सक्राइब हुआ है जिसमें एशियाई निवेशकों ने खासी रुचि दिखाई है। यह प्रमुख उभरते बाजारों में वित्तीय निवेश के लिए लंदन के एक रणनीतिक साझेदार के रूप में निर्णायक भूमिका को दर्शाता है, जिसका सारा श्रेय उसके वैश्विक निवेश समुदाय को आकर्षित करने वाली गहरी और तरल पूंजी बाजार को जाता है।

एक्सचेकर के चांसलर फिलिप हैमंड ने कहा:

मैं इस बात से खुश हूं कि हाउसिंग डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एचडीएफसी) ने लंदन में इस ऐतिहासिक बॉन्ड को जारी किया। यह लंदन के एक प्रमुख वैश्विक वित्तीय बाजार के रूप में विश्वास मत को प्रस्तुत करता है और यह भी साबित करता है कि ब्रिटेन व्यापार करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।

यह सौदा पहले से ही स्थापित यूके एवं भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंधों को और मजबूत करता और साथ ही भविष्य में और भी मसाला बॉन्ड के यूके में जारी होने के मार्ग को प्रशस्त करता है। यह भविष्य में और अच्छी गतिविधियों के संकेत देता है।

ब्रिटेन व्यापार की ओर उन्मुक्त है और विदेशी निवेश के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है।

एशिया के लिए यूके के मंत्री आलोक शर्मा ने कहा:

मैं एचडीएफसी द्वारा विश्व के सबसे पहले रुपया नामित बॉन्ड को जारी करने के लिए लंदन के चुनाव के इस कदम का हृदय से स्वागत करता हूं, जो लंदन के एक प्रमुख वित्तीय केंद्र होने की ओर स्पष्ट संकेत देता है। निवेशकों द्वारा जबर्दस्त मांग भारत के विकास में यूके की महत्वपूर्ण भूमिका का उदाहरण है और यह यूके और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंधों को और मजबूत करता है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस कदम से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारत में महत्वकांक्षी योजनाओं को समर्थन देने के लिए और अधिक भारतीय कम्पनियां लंदन में पूंजी निवेश करने के लिए आगे आएंगी।

यूके में भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक यात्रा की प्रतिबद्धताओं को विस्तारित करने वाली यह शुरुआत इस बात की पुष्टि करती है कि यूके न केवल मजबूत आर्थिक संबंधों में बल्कि ब्रिटेन में 1.5 मिलियन की संख्या में जोशीले प्रवासी भारतीयों के लिए भी भारत का एक स्वाभाविक साझेदार है।

एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख ने कहा:

लंदन शेयर बाजार में इस बॉन्ड को सूचीबद्ध करना हमारे लिए गौरव का बात है। दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजरों में से एक होने के अलावा लंदन शेयर बाजार की 300 वर्ष पुरानी समृद्ध विरासत है।

लंदन शेयर बाजार वित्तीय साधनों की व्यापक श्रृंखला पेश करके खुद को लीक से हटकर प्रस्तुत करता है और उसे अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का अडिग विश्वास भी प्राप्त है।

हम सूचीबद्ध करने के लिए अन्य बाजारों का भी पता लगा रहे थे लेकिन हमारी जरूरी आवश्यकताओं के प्रति जिस तरह यूकेएलए और लंदन शेयर बाजार ने प्रतिक्रिया दिखाई वह उल्लेखनीय है। इस बात के मद्देनजर, एक भारतीय कम्पनी द्वारा वैश्विक वित्तीय केंद्र में जारी होने वाला यह अपनी तरह का पहला बॉन्ड है, सभी अधिकारी स्पष्टवादी और सहायक थे।

लंदन शेयर बाजार के सीईओ निखिल राठी ने कहा:

लंदन शेयर बाजार विश्व के अपने किस्म के पहले भारतीय व्यावसायिक मसाला बॉन्ड की मेजबानी करने पर सम्मानित महसूस करता है, जो भारतीय वित्त जगत के लिए एक ऐतिहासिक घटना है और वह भारतीय जारी-कर्ताओं के साथ दीर्घकालिक संबंध बनाने के लिए इच्छुक है।

लंदन में सूचीबद्धता की कुशल प्रक्रिया और वैश्विक बाजारों के दोहन के विकल्पों का लाभ उठाकर वैश्विक जारीकर्ता अब बिना विदेशी मुद्रा के जोखिम के विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय वित्त की नवीन प्रणाली और निवेशकों तक पहुंच बना सकते हैं।

हम एचडीएफसी, खासतौर से अध्यक्ष दीपक पारेख, को इस ऐतिहासिक लिस्टिंग के लिए बधाई देते हैं: जो कि ब्रिटेन और भारत के बीच वित्तीय साझेदारी में एक प्रमुख सफलता है।

भारत के साथ आर्थिक और व्यापारिक संबंध यूके के लिए प्रमुख प्राथमिकता हैं। यूके किसी अन्य जी20 देश की अपेक्षा भारत में अधिक निवेश करता है, वहीं भारत यूके में निवेश का एक प्रमुख स्रोत है। भारत पहले ही विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसका वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होना अनुमानित है।

यूके-भारत की वित्तीय साझेदारी में पिछले वर्ष जो मील का पत्थर साबित हुए, उनमें शामिल रहे:

  • अगस्त 2015: विश्व बैंक की निजी क्षेत्र का हिस्सा अंतराष्ट्रीय वित्त निगम (आइएफसी) द्वारा लंदन शेयर बाजार में दुनिया के पहले ग्रीन मसाला बॉन्ड को सूचीबद्ध करना।
  • नवम्बर 2015: अपनी यूके यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारतीय रेल प्रणाली के उन्नयन के लिए एक रेलवे रुपए बॉन्ड को लंदन में जारी किया जाएगा।
  • अप्रैल 2016: भारतीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की थी कि लंदन में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों द्वारा एक बिलियन यूएस डॉलर के रुपए बॉन्ड को जारी किया जाएगा।
  • जून 2016: एक्सिस बैंक ने लंदन में 500 मिलियन यूएस डॉलर के ग्रीन बॉन्ड को सूचीबद्ध किया, जो भारत का पहला प्रमाणित अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन बॉन्ड है।
  • जुलाई 2016: एचडीएफसी ने लंदन शेयर बाजार में किसी भी भारतीय कम्पनी द्वारा किया गया पहला समुद्रगामी रुपया-नामित बॉन्ड जारी किया।

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प्रकाशित 1 August 2016