भाषण

'स्वच्छ ऊर्जा वर्तमान तथा भविष्य के लिए ऊर्जा है'

ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के ब्रिटिश कैबिनेट मंत्री के द्वारा नई दिल्ली मे दिए भाषण की लिखित प्रतिलिपि ।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
The Rt Hon Amber Rudd

शुभ संध्या।

यहां दिल्ली में मेरा उपस्थित होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है तथा 9 वें रीन्यूएबल एनर्जी एक्सपो की पूर्वसंध्या पर स्वच्छ ऊर्जा के विशेषज्ञों के समूह को संबोधित करने का सम्मान पाना भी मेरे लिए गर्व की बात है। यह भारत का मेरा पहला दौरा है और मैंने यहां जो कुछ देखा और जितना जाना उससे काफी प्रभावित हूँ ।

आपके प्रधानमंत्री महोदय, श्री मोदी ने ब्रिटेन और भारत को एक अपराजेय संयोजन माना है और मैं समझ सकती हूं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा। ऊर्जा के मसलों पर हमारा सहयोग अद्वितीय, काफी मजबूत तथा उन्नतिशील है। हम कई चुनौतियां समान रूप से झेल रहे हैं। हमारे दोनों देशों की प्राथमिकता स्थायी आर्थिक संवृद्धि है। और दोनों ही देश यह मानते हैं कि बिना सुरक्षित, सस्ती तथा टिकाऊ ऊर्जा के यह असंभव है। हमारे दोनों देशों के पास नवीकरणीय ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। और हम दोनों के पास निम्न कार्बन ऊर्जा रूपांतरण को एक वास्तविकता में बदलने लिए आर&डी, प्रौद्योगिकी, वित्तीय स्रोत तथा व्यवसाय में विश्वस्तरीय विशेषज्ञताएं मौजूद हैं।

आज दिनभर के कार्यक्रमों में, मैंने भारतीय मंत्रियों तथा अन्य से मुलाकातें कीं। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की महत्वाकांक्षाएं तथा अभियान काफी प्रबल रूप से प्रभावी हैं। यह सरकार जिन लक्ष्यों को हासिल करना चाहती है, जैसे 2022 तक 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करना, और जिन्हें समय पर पूरा करने के लिए जिस तरह कार्य जारी है, वह वास्तव में काफी प्रभावित करता है।

निजी क्षेत्र की भागीदारी

इस शाम मैं हमारे दोनों देशों के मध्य मौजूदा वाणिज्यिक सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करना चाहती हूं तथा इसे और भी बढ़ाने की जबरदस्त संभावनाओं को रेखांकित करना चाहती हूं। हमारे निजी क्षेत्र काफी सक्रिय तथा एक दूसरे के पूरक हैं।

भारत अकेले ब्रिटेन में शेष संयुक्त यूरोपीय संघ से अधिक निवेश करता है। 45,000 कर्मचारियों के साथ टाटा ब्रिटेन में विनिर्माण क्षेत्र का सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है। और ठीक इसी तरह, ब्रिटेन भी भारत में 2000 से 22.2 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ अब तक का सबसे बड़ा जी20 निवेशक है।

ऊर्जा के क्षेत्र में, ब्रिटिश कंपनियां भारतीय फर्मों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा, गैस तथा परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग कर रही हैं। रिलायंस एनर्जी के साथ 7.2 अरब डॉलर का बीपी का संयुक्त उपक्रम, भारत में अबतक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।

इस पैमाने की दूसरी ओर, अभिनव नवीन प्रौद्योगिकियों को भी आधार मिल रहा है। ब्रिटेन की पुरस्कार विजेता सियान टेक्नोलॉजीज को भारतीय व्यवसायों की ओर से 1 अरब पाउंड के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, जिनमें स्मार्ट ग्रिड पाइलट परियोजनाओं के लिए टाटा का ऑर्डर भी सम्मिलित है।

यही वजह है कि मुझे यहां उपस्थित ब्रिटिश कंपनियों के सशक्त समूह का स्वागत करते हुए बेहद खुशी हुई, जो पहले से भारतीय बाजार में काम कर रही हैं। ब्रिटेन भारत में आपके परिचालनों को सहयोग प्रदान करना चाहता है। यूके एक्सपोर्ट फाइनैंस, हमारा निर्यात ऋण विभाग आपको वित्तीय समाधान उपलब्ध कराने में सहायक हो सकता है। हमने इस उद्देश्य के लिए 1 अरब पाउंड निर्धारित किए हैं, जिनमें अपेक्षाकृत विस्तृत अवसंरचना क्षेत्र भी सम्मिलित है।

लंदन में वित्तीय सहायता

और यह मुझे एक अन्य क्षेत्र की ओर लाता है जहां ब्रिटेन भारत और भारतीय कंपनियों को उनके स्वच्छ ऊर्जा तथा निम्न कार्बन अवसंरचना में परिवर्तन की प्रक्रिया में सहायता कर सकता है, वह है- वित्तीय सहायता और लंदन शहर (सिटी ऑफ लंदन)। व्यावहारिक दृष्टिकोण से हमारी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने, तथा कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए ब्रिटेन को 2021 तक 200 अरब पाउंड जुटाने की जरूरत है। यह ऊर्जा परियोजनाओं, उन्नत नेटवर्क, तथा तापन तथा ऊर्जा दक्षता उपायों में निवेश के लिए भी है।

2010 से 2013 के बीच, ब्रिटेन ने विद्युत उत्पादन तथा वितरण नेटवर्कों में 45 अरब पाउंड के निजी निवेश किए हैं। यहां दो चीजें हैं जो इसे हासिल करने में हमारे सहायक हैं:

  • एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में लंदन की क्षमता; तथा
  • सुदृढ़ नीतिगत कार्ययोजनाएं जिनसे निवेशकों में भरोसा पैदा होता है।

इसी तरह, मुझे बताया गया कि अवसंरचना के क्षेत्र में भारत के 1 ट्रिलियन डॉलर के व्यय में एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा तथा तेल और गैस के लिए है। इसमें तीन चौथाई से ज्यादा निवेश निजी क्षेत्र से किए जाने की आवश्यकता होगी। मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि आप लंदन में स्वच्छ ऊर्जा के लिए पूंजी जुटाएं। आपको अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का एक विस्तृत समुदाय मिलेगा। हमारे यहां एक सरल और अनुकूल कराधान व्यवस्था है। आपको प्रमुख सूचकांकों में सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा। आपको लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के सम्मान का फायदा मिलेगा। और हम आपको आपकी मुद्रा में धन जुटाने की संभावना उपलब्ध कराते हैं। विभिन्न मुद्राओं में पूंजी जुटाने के लिए, लंदन एक प्रमुख वित्तीय संस्थान है।

ब्रिटेन भारत सहयोग

हमारी सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए भी साथ मिलकर काम कर रही हैं कि हम निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सही नीतिगत कार्ययोजना बनाएं। भारत के नीति आयोग ने हाल ही में भारतीय ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य जारी किया है, जो ब्रिटेन के एनर्जी पाथवे कैलकुलेटर 2050 के आधार पर निर्मित है। यह ऊर्जा आपूर्ति तथा मांग के दीर्घावधि प्रक्षेप का परीक्षण करता है।

औद्योगिक ऊर्जा दक्षता हेतु भारत की अग्रणी नीति - परफॉर्म, एचीव तथा ट्रेड योजना - ब्रिटेन के जलवायु परिवर्तन समझौते तथा ईयू उत्सर्जन व्यवसाय योजना के आधार पर निर्मित है। मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने हाल ही में एक नई अपतटीय पवन ऊर्जा नीति को मंजूरी दी है। इस संदर्भ में, ब्रिटेन एक प्रमुख अपतटीय पवन ऊर्जा क्षेत्र की स्थापना करने के बारे में अपने अनुभव साझा कर सकता है। इन सभी क्षेत्रों में, तथा अन्य क्षेत्रों में भी, हम लगातार अपनी जानकारियां साझा करते रहे हैं, तथा ब्रिटेन और भारत परस्पर घनिष्ठ रूप से तथा समन्वित रूप से नीतियों को आकार देने के लिए काम कर रहे हैं।

निम्न कार्बन के लिए नई जलवायु अर्थव्यवस्था

स्वच्छ ऊर्जा वर्तमान तथा भविष्य के लिए ऊर्जा है। नई जलवायु अर्थव्यवस्था, जैसा कि एक हालिया डच बैंक रिपोर्ट में पाया गया है कि कई बाजारों में सौर ऊर्जा ग्रिड ऊर्जा के समकक्ष स्तर तक पहुंच रहा है। इससे प्रदर्शित होता है कि पिछले कुछ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा की कीमत में किस प्रकार अभूतपूर्व गिरावट आई है। एक निम्न कार्बन उत्परिवर्तन से भारत में उत्पादकता में वृद्धि की संभावना के साथ ही भारत के लोगों को स्वच्छ वायु, ऊर्जा सुरक्षा तथा जल और बिजली की व्यापक उपलब्धताएं प्राप्त होंगी।

बेशक, किसी भी बाजार के निवेशकों को निश्चितता चाहिए होती है। मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि पेरिस में 9 सप्ताह बाद होने वाले अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समझौतों के अंतर्गत एक महत्वाकांक्षी समझौता सुनिश्चित कर इसे उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे निवेशकों तथा व्यवसायों को एक स्पष्ट तथा दीर्घावधि के लिए संकेत मिलेगा कि सरकारें एक वैश्विक निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था प्रदान करने हेतु कृतसंकल्प हैं। एक समझौता, जो अभिनव उत्पादों के पैमाने तथा नीतिगत व्यवहारों को गति प्रदान करेगा जो निम्न कार्बन में अपेक्षित गति से वैश्विक उत्परिवर्तन के लिए आवश्यक भी है।

निष्कर्ष

देवियों और सज्जनों, भारत और ब्रिटेन समान चीजें चाहते हैं- सब के लिए सुरक्षित, सस्ती तथा टिकाऊ ऊर्जा। हमें परस्पर साथ मिलकर काम कर काफी कुछ हासिल करना है।और मैं आश्वस्त हूं कि साथ मिलकर हम इसे संभव कर दिखाएंगे।

धन्यवाद।

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प्रकाशित 22 September 2015