भाषण

लंदन आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री का वक्तव्य: 4 जून 2017

लंदन में आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने डाउनिंग स्ट्रीट में वक्तव्य दिया।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
PM statement following London terror attack

पिछली रात, हमारा देश में एक बार फिर से एक क्रूर आतंकवादी हमले का शिकार हो गया। इसकी वजह से, मैंने अभी सरकार के आपातकालीन समिति के बैठक की अध्यक्षता की है और मैं आपको हमले से संबंधित नवीनतम जानकारियों के बारे में अपडेट करना चाहती हूं।

कल शाम 10:10 से थोड़ा पहले, मेट्रोपॉलिटन पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक सफेद वैन ने लंदन ब्रिज पर एक पैदल यात्री को धक्का मारा है। लंदन ब्रिज से बोरो मार्केट तक उनकी ड्राइव जारी रही जहां पर 3 आतंकवादियों ने वैन को छोड़ दिया और ब्लेड व चाकू के साथ निर्दोष व निहत्थे नागरिकों पर हमला किया।

तीनों आतंकवादियों के कपड़े विस्फोटक युक्त लग रहे थे, लेकिन पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि उनके कपड़े नकली थे और उन्हें केवल दहशत और डर फैलाने के लिए पहना गया था।

पुलिस ने हमेशा की तरह ऐसी गंभीर परिस्थिति में बेहतरीन साहस और तेजी से जवाब दिया। मेट्रोपॉलिटन पुलिस और सिटी ऑफ लंदन पुलिस के सशस्त्र अधिकारी कुछ ही देर में बोरो मार्केट पहुंच गए और उन्होने तीनों संदिग्धों को गोली मार दी।

पुलिस ने इमरजेंसी कॉल मिलने के 8 मिनट के अंदर सशस्त्र बल के जवानों ने आतंकवादियों को मार गिराया।

हमले में पुलिस द्वारा मारे गए 3 संदिग्धों के अलावा सात लोग मारे गए हैं। लंदन के विभिन्न अस्पतालों में 48 लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें से कई लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

मैं लंदन और पूरे देश के लोगों की तरफ से पुलिस और आपातकालीन सेवाओं के पेशेवर रवैये और बहादुरी के लिए और खुद को और अन्य लोगों को हमलावरों से बचाने वाली जनता का धन्यवाद देना चाहती हूं। हमारी दुआ और प्रार्थना पीड़ितों व उनके दोस्तों, परिवार वालों और प्रियजनों के साथ हैं।

हम सभी जानते हैं ब्रिटेन ने पिछले 3 महीनों में तीसरे आतंकवादी हमले को महसूस किया है। मार्च में, ऐसा ही हमला वेस्टमिंस्टर ब्रिज के पास हुआ था। दो हफ्ते पहले मैनचेस्टर एरिना में एक आत्मघाती हमलावर ने हमला किया था और अब लंदन पर हमला हुआ है।

और इस बीच सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों औऱ पुलिस ने मार्च में हुए वेस्टमिंस्टर हमले के बाद पांच संभावित हमलो को विफल किया था।

हाल के हमलों नियोजन और निष्पादन के हिसाब से आपस में जुड़े हुए नहीं है। लेकिन हमारा मानना है कि हम एक नए तरह के खतरे का अनुभव कर रहे हैं, क्योंकि आतंकवाद से आतंकवाद का जन्म हो रहा है, और अपराधी केवल वर्षों की योजना और प्रशिक्षण के आधार पर हमले करने को प्रेरित नहीं हो रहे हैं और न ही ये वर्षों के बाद ध्यान से निर्मित भूखंडों के आधार पर हमले के लिए प्रेरित किया गया है - और यहां तक कि वे अकेले ऑनलाइन कट्टरपंथी हमलावर भी नहीं है - बल्कि वे एक दूसरे की नकल करते हैं और अक्सर हमले के लिए शातिराना तरीको का उपयोग करते हैं।

हम यह नहीं सोचना चाहिए कि ये चीजें ऐसे ही जारी रहेंगी। चीजों का परिवर्तित होना जरुरी है और इनमें ये 4 महत्वपूर्ण बदलाव होने चाहिए।

सबसे पहले, चूंकि हाल के हमले किसी सामान्य नेटवर्क से नहीं जुड़े थे पर वे एक महत्वपूर्ण अर्थ में जुड़े हुए हैं। वे इस्लामिक उग्रवाद की उस विचारधारा से जुड़े हुए हैं जो घृणा, नफरत, विभाजन की शिक्षा देता है और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देता है।

यह एक ऐसी विचारधारा है जिसके अनुसार आजादी, लोकतंत्र और मानव अधिकारों के हमारे पश्चिमी मूल्य इस्लाम धर्म के अनुसार असंगत है। यह एक ऐसी विचारधारा है जो इस्लाम और सच्चाई का विकृत स्वरुप है।

इस विचारधारा को खत्म करना मौजूदा समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। लेकिन इसे केवल सैन्य हस्तक्षेप के माध्यम से खत्म नहीं किया जा सकता है। उसके लीडर और पालनकर्ता कितने भी कुशल क्यों न हो फिर भी इसे स्थायी, रक्षात्मक आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के माध्यम से हराया जा सकता है। इसे तब ही हराया जा सकता है जब हम लोगों की सोच को हिंसा से दूर कर सकेंगे और उन्हें यह समझा सकेंगे कि हमारे मूल्य, ब्रिटिश संस्कृति नफरत फैलाने वाले लोगों द्वारा की गई किसी भी पेशकश से कहीं बेहतर हैं।

दूसरे, हम इस विचारधारा को विकसित होने के लिए आवश्यक जगह नहीं दे सकते हैं। फिर भी यह इंटरनेट - और इंटरनेट आधारित सेवाएं प्रदान करने वाली बड़ी कंपनियों के अनुसार है। आतंकवाद और आतंकवादी योजनाओं के प्रसार को रोकने के क्रम में साइबरस्पेस को नियंत्रित करने वाले अंतरराष्ट्रीय समझौतों के क्रियान्वन हेतु हमें सहयोगी, लोकतांत्रिक सरकारों के साथ काम करने की आवश्यकता है। और हमें ऑनलाइन उग्रवाद को कम करने के लिए घर पर यथासंभव सावधानी बरतने की जरूरत है।

तीसरे, उग्रवादियों के लिए सुरक्षित ऑनलाइन स्थानों को बाधित करते समय हमें उनके लिए वास्तविक दुनियां में मौजूद सुरक्षित स्थानों के बारे में नहीं भूलना चाहिए। जी हां, इसका मतलब इराक और सीरिया में आईएसआईएस को नष्ट करने के लिए सैन्य कार्रवाई करना है। लेकिन इसका मतलब यह घर पर की जाने वाली कार्रवाई से भी है। हमने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है लेकिन हमारे देश में कट्टरपंथ के प्रति सहिष्णुता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।

इसलिए हमें सार्वजनिक क्षेत्र और पूरे समाज में इसे पहचानने और चिन्हित करने के लिए और मजबूत होने की आवश्यकता है। इसके लिए कुछ कड़े और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता होगी, लेकिन इस आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमें अपना जीवन अलग-अलग जीने की बजाय सही मायने में यूनाइटेड किंगडम के रूप में साथ आने की जरूरत है।

चौथा, हमारे पास एक मजबूत आतंकवाद विरोधी रणनीति है जो कई वर्षों से सफल साबित हुई है। लेकिन हम जिस खतरे का सामना कर रहे हैं उसका स्वरूप अधिक जटिल, अधिक विध्वंसक और विशेष रूप से ऑनलाइन अधिक छिपे हुए हैं इसलिए रणनीति को बेहतर बनाए रखने की आवश्यकता है। इसलिए बदलते खतरे से मिलने वाली सीख को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए कि पुलिस और सुरक्षा सेवाओं के पास सभी आवश्यक शक्तियां मौजूद हैं हमें ब्रिटेन की आतंकवाद विरोधी रणनीति की समीक्षा करने की जरूरत है।

और अगर हमें आतंकवाद से संबंधित अपराधों के लिए यहां तक कि कम गंभीर अपराध के लिए भी हिरासत की अवधि बढ़ाने की जरूरत हुई तो हम ऐसा करेंगे।

इस्लामी से प्रेरित आतंकवाद के खतरे की शुरूआत के बाद से हमारे देश ने साजिशो को विफल करने और जनता की सुरक्षा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। लेकिन यह बहुत हो चुका कहने का समय है। सभी को अपना जीवन सामान्य रूप से जीने की जरूरत है। हमारे समाज को हमारी मान्यताओं के अनुसार चलते रहना चाहिए। लेकिन जब बात आतंकवाद और उग्रवाद से मुकाबले की हो तो चीजों को बदलने की जरूरत होती है।

सम्मान के तौर पर 2 राजनीतिक दलों ने आज हमारे राष्ट्रीय अभियान को निलंबित किया है। लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने के लिए हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। तो वो अभियान कल से फिर शुरू होंगे और आम चुनाव योजना के अनुसार गुरुवार को होंगे।

एक देश के रूप में हमारी प्रतिक्रिया वैसी ही होना चाहिए जैसी हमने हमेशा हिंसा से सामना होने पर दी है। हमें साथ आना होगा, हमें एकजुट होना होगा और एकजुट होकर हम अपने दुश्मनों का सामना कर सकेंगे और उन्हे हरा सकेंगे।

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प्रकाशित 4 June 2017
पिछली बार अपडेट किया गया 4 June 2017 + show all updates
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