युवा नव-प्रवर्तकों के आयोजन में माइक निथावृयानकिस का भाषण
ब्रिटेन के उपउच्चायुक्त माइक निथावृयानकिस ने चेन्नई में 19 मार्च को आयोजित चीवनिंग एल्यूम्नी (पूर्व अध्येता) के आयोजन में भाषण दिया। यहां पेश है इस भाषण का मूल पाठ।
मुझे चेन्नई में हमारे पहले चीवनिंग/यूके एल्यूम्नी आयोजन की मेजबानी करते हुए खुशी हो रही है। इससे पहले इस माह के प्रारंभ में कोयम्बतूर और फरवरी के अंत में त्रिवेन्द्रम में आयोजन हुए थे।
तमिलनाडु में पहले से ज्ञान-आधारित एक अर्थव्यवस्था है। यह नव-प्रवर्तन का एक हब भी है, लेकिन वह स्कूलों एवं कॉलेजों में नव-प्रवर्तन की संस्कृति के विकास, बढ़ती संख्या में युवा नव-प्रवर्तकों की सफलता दर्शाने और ब्रिटेन के साथ अकादमिक-उद्योग संबंधों की मजबूती के कदम उठा कर उत्कृष्टता का एक वैश्विक केंद्र बन सकता है। तमिलनाडु की मुख्य मंत्री ने मार्च 2012 में विजन 2013 लांच किया था, जिसके तहत राज्य ने एक ज्ञान राजधानी और नव-प्रवर्तन का हब बनने की उच्चाकांक्षा प्रकट की गई।
अकादमिक-उद्योग संबंध मजबूत करने की दृष्टि से ब्रिटेन एक आदर्श साझेदार है। नव-प्रवर्तन ब्रिटिश संस्कृति एवं उद्योग का केंद्र-बिंदु रहा है। टेलीफोन से लेकर वल्र्ड वाइड वेब तक हमारे विचारों एवं आविष्कारों ने आधुनिक विश्व को आकार देने में मदद की है और अब हम 21वीं शताब्दी में विश्व को नया आकार देने में मदद कर रहे हैं। चाहे आईवीएफ का विकास हो या फिर विश्व के पहले कम्प्यूटर या उच्च गुण्वत्ता देने वाली कारों की डिजाइन का निर्माण, ब्रिटेन का ट्रैक रिकॉर्ड किसी भी अन्य देश से कमतर नहीं रहा है। इसके मद्देनजर हम भारत के लिए एक आदर्श साझेदार हैं, जिसके पास विशाल मानव एवं बौद्धिक क्षमता है।
हम नव-प्रवर्तन, विज्ञान और शिक्षा के विषयों में क्या कर रहे हैं और भारत के साथ क्या कर रहे हैं?
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हम मिल कर बहुत-कुछ कर रहे हैं। दोनों देशों ने 2009 में संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों पर एक मिलियन पाउंड का संयुक्त निवेश किया, जो अब बढ़ कर 125 मिलियन पाउंड तक पहुंच गया है। हाल ही में गठजोड़ एजेंडे में अन्य विषय- एडवांस्ड मैन्यूफैक्चरिंग, बॉयो-एनर्जी, स्मार्ट ग्रिड्स, एनर्जी स्टोरेज, अगली पीढ़ी की वायरलेस प्रणालियां और एप्लाइड मैथेमैटिक्स शामिल किए गए हैं।
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2006 में अपनी स्थापना के बाद से यूके-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (यूकेआईईआरई) ने 1,000 से भी अधिक साझेदारियों को समर्थन प्रदान किया है, जिनमें 2011 के दूसरे चरण की 380 साझेदारियां भी शामिल हैं। आपको यह सुन कर खुशी होगी कि इसकी चार धाराएं- नव-प्रवर्तन, नेतृत्व, निपुणता और छात्रों का आदान-प्रदान हैं। यूकेआईईआरई के साथ मिल कर आरसीयूके इंडिया एक संयुक्त कार्यक्रम तैयार कर रही है ताकि आरसीयूके की फंडिंग से पीएच.डी. की जा सके और यूके-भारत पीएच.डी की संख्या में वृद्धि हो।
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भारत का लक्ष्य 2020 तक अपने 500 मिलियन कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना है, इस कार्यक्रम के तहत वह एक बड़ी संख्या में उन्हें प्रशिक्षित करवा पाया है। वोडाफोन और पियरसन जैसी ब्रिटिश कंपनियां नव-प्रवर्तनकारी निपुणता का प्रशिक्षण देती है। सिटी एंड गिल्ड्स जैसे संगठन पेशेवर मानकों की स्थापना में विश्व में अग्रणी हैं। इस साल के प्रारंभ में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने निपुणताओं के विकास में मजबूत साझेदारी पर अत्यधिक बल दिया और कहा कि सभी सेक्टरों में उनके नागरिकों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के अवसर मौजूद हैं। उन्होंने इस सिलसिले को आगे बढ़ाने पर सहमति जाहिर की, जिसमें भारत के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ब्रिटेन के संबंधित विभागों एवं एजेंसियों के बीच समझौता ज्ञापन के लिए कार्य करना भी शामिल है।
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भारत सरकार, अनुसंधानकर्ताओं और उद्योग के साझेदारों के साथ मिल कर यूके इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑफिस बौद्धिक संपदा पर मार्गदर्शन और अंतर्राष्ट्रीय गठजोड़ के मॉडल समझौतों के विकास के उद्देश्य से एक परियोजना पर काम कर रही है। फिक्की के साथ मिल कर यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट भारत में निवेश क्षेत्रों की पहचान और ब्रिटेन के प्रवर्तनकारी लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए साझेदारी की व्यवस्था में मदद कर रहा है।
यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) ब्रिटेन की उत्कृष्ट प्रवर्तनकारी प्रौद्योगिकी के बारे में भारत की कंपनियों को अवगत कराना चाहता है। इस सिलसिले में एक प्रतियोगिता रखी गई है, जो 31 मार्च तक खुली रहेगी। सर्वाधिक सार्थक प्रस्ताव पेश करने वाली भारतीय कंपनी को लंदन-यात्रा का अवसर मिलेगा, जहां उसके प्रतिनिधियों को ब्रिटिश कंपनियों की ओर से विशेषज्ञ सलाह, विश्वस्तरीय निवेशकों, इनक्यूबेटर्स और कंपनियों के साथ नेटवर्किंग का मौका मिलेगा, साथ ही उस टेक सिटी का भ्रमण करवाया जाएगा, जो यूरोप की सर्वाधिक गतिशील नव-प्रवर्तनकारी हब है।
यह एक सुदृढ़ आधार है, लेकिन मैं इन साझेदारियों को अधिक मजबूत और अधिक व्यापक बनाने को उत्सुक हूं। मुझे आशा है कि आप रात्रिभोज के दौरान मेरे सहयोगियों को अपने विचार बतलाएंगे कि किस प्रकार हम कुछ रिक्तियों को भर सकते हैं और मौजूदा संबंधों को प्रगाढ़ बना सकते हैं। मैं रात्रिभोज के दौरान आपके साथ चर्चा को उत्सुक हूं।