भाषण

'ऊर्जा क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत साझेदारी मजबूत'

ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त बेंगलुरू डोमिनिक मैकलिस्टेयर द्वारा गैस के लिए आवाज उठाने वाली कार्यशाला में दिया गया अभिभाषण।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
ब्रिटेन-भारत

नमस्कार, आप सबका हार्दिक स्वागत है। आपमें से जो मुझे नहीं जानते हैं उनके लिए - मैं बेंगलुरू में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त हूं, मुझे पता है हमारे उच्चायुक्त को यहां नहीं होने का अफसोस होगा, लेकिन वे देश से बाहर गए हैं।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान का बेंगलुरू शहर में स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। मुझे यह कहते हुए भी प्रसन्नता हो रही है कि मंत्री महोदय धर्मेंद्र प्रधान जी यहां सीधे ब्रिटेन से आ रहे हैं जहां उन्होंने लंदन में खोजे गए छोटे फील्ड की बोली के सफल रोडशो में भाग लिया और वहां उन्हें एबर्डीन में विश्वस्तरीय ब्रिटिश तकनीक, विनिर्माण और कौशल को प्रत्यक्ष देखने का अवसर मिला।

उनकी मुलाकात हमारी श्रेष्ठ कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों से भी हुई। मैं उनकी यात्रा के बारे में उनके विचार जानने को इच्छुक हूं और यह भी जानना चाहता हूं कि ब्रिटेन और भारत के आगे के सहयोग के बारे में उनका क्या ख्याल है।

ब्रिटेन-भारत साझेदारी मजबूत है और यह बात ऊर्जा क्षेत्र में सर्वाधिक परिलक्षित होती है। पिछले साल प्रधानमंत्री श्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हमारे दोनों प्रधानमंत्रियों ने हमारे बीच सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई थी और एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत हमें ऊर्जा क्षेत्र में अपने सहयोग को और अधिक व्यापक बनाना है और आगे बढ़ने की हमारी चुनौतियों से निबटना है।

हम आत्मसंतुष्ट नहीं हैं। हम प्रथम भारत- ब्रिटेन ऊर्जा सम्मेलन के प्रति आशान्वित हैं और मंत्री महोदय को इसमें रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद। हम दिसंबर में पेट्रो टेक ईवेंट में ब्रिटेन की मजबूत उपस्थिति के प्रति भी आशान्वित हैं और सरकारी एवं व्यावसायिक स्तर पर अधिक घनिष्ठ संबंध का हमें विश्व्वास है।

मेरे भारत आने के बाद के इन 10 महीनों में मुझे इस देश के आर्थिक विकास के पैमाने और उसकी गति ने बेहद प्रभावित किया है।

इस विकास की गति को बनाए रखने के लिए ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति महत्वपूर्ण है और हमने देखा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वयं भारत में ऊर्जा लोगों के लिए ऊर्जा की उपलब्धि और ऊर्ज सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। मेक इन इंडिया, सबके लिए बिजली और स्मार्ट शहर सहित उनके सभी प्रमुख प्रयासों में ऊर्जा एक महत्वपूर्ण घटक है।

भारतीय तेल एवं गैस क्षेत्र में उनके मंत्रालय की हालिया नीति और नियामक सुधारों के लिए मैं मंत्री महोदय की सराहना करता हूं जिसके तहत भारत का ऊर्जा बाजार विदेशी निवेश के लिए और अधिक खुलेगा और घरेलू उत्पादन में इजाफा होगा। ऐसे में जबकि भारत धारणीय विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है शहरी ईंधन, स्वच्छ ईंधन और ट्रांजिशन ईंधन के रूप में गैस की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज की कार्यशाला का उद्देश्य है गैस बाजार की संवृद्धि में सहयोग के लिए हमारे द्वारा उठाए जाने वाले जरूरी कदमों के बारे में जानना।

मैं आईएचएस, आईसीएफ, पेट्रोफेड तथा सभी औद्योगिक सहभागियों को उनके अब तक के काम के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं माननीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री का भी शुक्रगुजार हूं, जिनके महत्वपूर्ण इनपुट और सहयोग के बिना ये प्रॉजेक्ट सफल नहीं हो सकते थे।

आज की कार्यशाला गैस के नए बाजारों की पहचान करने, नए ग्राहकों की चिंताओं का समाधान करने और भारत में गैस के लिए आवाज को एकजुट करने के प्रयास पर केंद्रित है। यह महत्वपूर्ण है कि हम भारतीय गैस बाजार को बढ़ावा देने के लिए संभावित समाधानों की पहचान करें तथा अंतर्राष्ट्रीय अनुभव से मिली सीख का उपयोग करें। आगे मुझे उम्मीद है कि यह कार्य परिचर्चा के लिए एक फोरम बनेगा और अंततोगत्वा यह भारत में गैस क्षेत्र के विकास के लिए प्रभावी बदलाव लाने में सहायक होगा।

मैं मंत्री महोदय को, खास कर उनकी लंबी यात्रा के बाद उनके यहां आने के लिए धन्यवाद देता हूं। मंत्री महोदय द्वारा दी गई सहायता का हम स्वागत और सराहना करते हैं और हमें उनके अभिभाषण की प्रतीक्षा है और आप सबके लिए इस कार्यशाला की सफलता की कामना करता हूं।

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प्रकाशित 19 September 2016