भारत के साथ और अधिक वाणिज्यिक सहयोग का आवाह्न
यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री लियम फॉक्स 28 से 30 अगस्त के बीच नई दिल्ली और मुम्बई की यात्रा पर थे।
यात्रा के दौरान
- यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार राज्य मंत्री डॉ. लियम फॉक्स ने नई दिल्ली में भारतीय मंत्रियों और व्यापारिक जगत के प्रमुखों से बातचीत की।
- उन्होंने यूके और भारत के बीच दीर्घकालिक रिश्ते बनाने पर पर बल दिया और यह भी दोहराया कि यूके व्यापार के लिए मुक्त है।
- यूके के जेईटीसीओ और भारत-यूके टेक समिट के प्रति यूके की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया
यह उनकी वर्तमान भूमिका में पहली भारत यात्रा थी। इस यात्रा का उद्देश्य यूके-भारत के द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देना और व्यापार, निवेश और रक्षा क्षेत्र में भारत के रणनैतिक सहयोगी के रूप में भूमिका पर प्रकाश डालना था।
नई दिल्ली में डॉ. फॉक्स ने भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की और भारत के साथ आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने वाणिज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन से भेंट की। उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की व्यवस्था को और प्रगाढ़ बनाने के विषय में विस्तार से बातचीत की। डॉ. फॉक्स ने 7 नवम्बर को ‘भारत-यूके टेक समिट’ के साथ ही आयोजित होने वाले संयुक्त आर्थिक और व्यापारिक समिति (जीईटीसीओ) के प्रति अपनी सहभागिता और यूके की प्रतिबद्धता की घोषणा की।
डॉ. फॉक्स ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ)के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स से मुलाकात की और जीईटीसीओ और ‘भारत-यूके टेक समिट’ के दौरान यूके-भारत के व्यापारिक रिश्तों को बेहतर बनाने की संभावना का पता लगाया। पिछले वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद सफल यूके यात्रा के दौरान की गई घोषणा के अनुसार यूके सीआइआइ के साथ इस शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय सहयोगी है।
टेक समिट व्यापार, नवोन्मेष, अनुसंधान, शिक्षा और उद्यमिता के क्षेत्र में भारत-यूके की गहरी साझेदारी का प्रदर्शन करेगा और साथ ही यह हर क्षेत्र में रिश्तों को मजबूत बनाने की ब्रिटिश विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता का सबसे बड़ा प्रदर्शन प्रस्तुत करेगा। इसमें यूके का एक प्रमुख प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा जो महत्वपूर्ण क्षेत्र जैसे स्मार्ट शहर, स्वास्थ्यसेवा, उन्नत विनिर्माण, कृषि-प्रौद्योगिकी, शिक्षा और कौशल में यूके की क्षमताओं पर प्रकाश डालेगा।
वरिष्ठ सीआइआइ सदस्यों की एक सभा को संबोधित करते हुए डॉ. फॉक्स ने कहा:
यूके-भारत की आर्थिक साझेदारी दोनों देशों के बीच के रणनीतिक संबंधों का केंद्र है, एक ऐसा रिश्ता जो इससे पहले कभी इतना अधिक महत्वपूर्ण नहीं था जितना कि आज है।
नवम्बर महीने में आयोजित होने वाला भारत-यूके टेक समिट इस साझेदारी के जश्न को थोड़ा और बढ़ाएगा, जहां स्मार्ट शहर, स्वास्थ्यसेवा, कृषि-प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ एकत्रित होकर व्यापार, शोध एवं विकास और यूके और भारत के बीच शैक्षणिक संबंधों को बढ़ावा देंगे।
सीआइआइ के अध्यक्ष श्री फोर्ब्स ने कहा:
किसी भी व्यापार की तकनीकी क्षमता ही समृद्धि का स्रोत है। भारत-यूके टेक समिट नई संभावनाओं और हमारे रिश्तों को नया आयाम देने वाला मंच साबित होगा।
सीआइआइ के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बैनर्जी ने आगे कहा:
सीआइआइ इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय पहल का हिस्सा बनकर प्रसन्न है जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पिछले वर्ष यूके यात्रा के दौरान हुई थी। मुझे उम्मीद है कि भारतीय उद्योग इस अवसर पर बड़ी संख्या में आने वाली ब्रिटिश कम्पनियों का अधिक से अधिक लाभ उठाएंगी और नई साझेदारियां निर्मित करने की ओर कदम बढ़ाएंगी।
डॉ. फॉक्स ने एचसीएल और टेक महिंद्रा समेत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कम्पनियों से भी मुलाकात की। भारतीय आइसीटी कम्पनियों के लिए यूके एक निवेश की दृष्टि से पसंदीदा गंतव्य है, और मंत्री महोदय ने यूके में भविष्य में निवेश के अवसरों की चर्चा की। उन्होंने व्यापारिक जगत के वरिष्ठ प्रमुखों से भी मुलाकात की।
मुम्बई में अजय पिरामल समेत प्रमुख भारतीय व्यापारियों और भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी उद्यमियों से से मुलाकात की। डॉ. फॉक्स भारत की आर्थिक राजधानी में अन्य प्रमुख कार्यों में से एक मुम्बई के व्यापारिक समुदाय के समक्ष यूरोपीय संघ के जनमत संग्रह के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में यूके की स्थिति पर भी भाषण दिया।
यूके के प्रधानमंत्री पद पर थेरेसा मे के आसीन होने के बाद भारत में यह अब तक ब्रिटिश मंत्रियों द्वारा चौथी यात्रा है। इस महीने की शुरुआत में यूके के व्यापार और ऊर्जा राज्य मंत्री ग्रेग क्लार्क और अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री प्रीति पटेल भारत का दौरा कर चुके हैं।
अधिक जानकारी
लियम फॉक्स का सीवी
यूके-भारत संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेईटीसीओ) यूके कम्पनियों को अपने संबंधों को बढ़ाने और भारतीय व्यापारियों एवं नीति निर्धारकों के साथ नए रिश्ते बनाने का मंच उपलब्ध करवाता है। यह सभी प्रतिभागियों के लिए बातचीत का एक जीवंत वातावरण प्रदान करता है और साथ ही भारत में उपलब्ध अवसरों पर केंद्रित सत्र भी शमिल हैं जहां दोनों देश शिक्षा और कौशल, उन्नत इंजीनियरिंग और स्मार्ट शहरों समेत (प्रौद्योगिकी और मूलभूत संरचना समेत) कई क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ा सकते हैं।
भारतीय-यूके टेक समिट (7-9 नवम्बर) 2016 के भारतीय-यूके के कलेंडर में एक प्रमुख आयोजन है। व्यापार, विज्ञान, शिक्षा, शोध और अनुसंधान क्षेत्र तक विस्तारित यह आकर्षक अभिनव प्रदर्शनी भी प्रस्तुत करेगा जिसमें सर्वोत्तम, अत्याधुनिक यूके प्रौद्योगिकी, यूके और भारत के दल के सदस्यों से युक्त विश्व का प्रमुख वैचारिक नेतृत्व सत्र और स्वास्थ्यसेवा, जीव विज्ञान, भविष्य के शहरों, उन्नत इंजीनियरिंग और निर्माण और कृषि-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से यूके का उच्च स्तरीय व्यापारिक मिशन का समावेश होगा।
साथ ही इसमें यूके में भारतीय निवेश और उद्यमिता पर रोशनी डाली जाएगी और इसमें टेक रॉकेटशिप पुरस्कार के दस विजेताओं की भी घोषणा की जाएगी। यह पिछले वर्ष नवम्बर में प्रधानमंत्री मोदी की यूके यात्रा के दौरान घोषित ‘ग्रेट कोलैबोरेशन’ के तहत पहल है, जिसमें भारत-यूके साझेदारी का जश्न मनाते हुए नए संबंधों को निर्मित किया जाएगा। टेक समिट में 4 समवर्ती शिखर सम्मेलन होंगे-प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और नवोन्मेष, उच्च शिक्षा, डिजाइन, बौधिक संपदा।
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