'कोयम्बतूर के साथ यूके का दीर्घकालिक संबंध'
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सबसे लंबे शासनकाल वाली साम्राज्ञी होने का ऊत्सव मनाते हुए चेन्नई में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त भरत जोशी के संभाषण की प्रतिलिपि।
वणक्कम कोवई (नमस्कार कोयम्बतूर)
मिक्का मगझिलची (अत्यंत खुशी)
श्रेया काल्लिंगल द्वारा शेक्सपीयर नृत्य प्रस्तुति ‘महिलाओं के तरीकों को समझना’ में ‘अष्टनायिकाओं’ का बहुत धन्यवाद। कृपया उनका आभार व्यक्त करने में मेरा साथ दें।
मित्रों, भारतीयों, देशवासियों कृपया मुझे सुनने में अपना थोड़ा सा समय दें।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के यूके की सबसे लंबे शासनकाल तक साम्राज्ञी होने का उत्सव मनाते हुए मैं गर्व से इस रात्रिभोज का आयोजन कर रहा हूं। साथ ही मैं इस बात से और ज्यादा गर्वित महसूस कर रहा हूं कि इस उत्सव का आयोजन तमिलनाडु के दूसरे सबसे बड़े शहर कोयम्बतूर में हो रहा है जो एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है और देश में पम्प और वाल्व के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। हमें यह बात ज्ञात है कि भारत दूसरे श्रेणी के शहरों में तेजी से प्रगति कर रहा है और इसलिए अब कोयम्बतूर में साजू मैथ्यू के रूप में और कोच्चि में हर समय हमारा एक मानव संसाधन उपलब्ध है। आप मुझे और मेरे दल के और भी ज्यादा इस शहर में होने की अपेक्षा कर सकते हैं। और इसी कारण से हम आज रात्रि ‘मैंचेस्टर ऑफ इंडिया’ कहे जाने वाले कोयम्बतूर में अपने अब तक के पहले राष्ट्रीय दिवस उत्सव का आयोजन कर रहे हैं।
ऐतिहासिक रूप से इस आयोजन का केंद्र वस्त्र उद्योग रहा करते थे लेकिन अब हमारी कई कम्पनियों के कार्यालय यहां हैं, इसलिए हमारा लक्ष्य इस उत्सव को यहां मनाने का है। यहां के कई शैक्षणिक संस्थानों की यूके के संस्थानों के साथ साझेदारी है और कई कार्यान्वयन के स्तर पर हैं। और अंत में, इसके अलावा हम स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में भी सहयोगी हैं।
लोगों का लोगों से जुड़ाव भी सफलता की एक कुंजी है। हमने आज शाम को ही ऐसे कार्यक्रम के साथ ब्रिटिश विद्वानों के संगठन के सहयोग से हमारे पूर्व छात्रों से मजबूत संबंधों का भी जश्न मनाया जिसमें दोनों देशों के नवोन्मेषों की परम्परा को दर्शाया गया। मुझे पता है कि आपमें से कई यूके में नियमित रूप से आगांतुक हैं, और कृपया इस प्रक्रिया को जारी रखिएगा।
वर्ष 2015 यूके और भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है। पिछले वर्ष नवम्बर में हमने प्रधानमंत्री मोदी का यूके में स्वागत किया। इस यात्रा से नौ अरब पाउंड के व्यापारिक सौदे हुए हैं और यहां फैले हुए डेढ़ मिलियन भारतीयों के जनसमूह को शामिल करते हुए दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक पारम्परिक संबंध भी मजबूत हुए हैं। महारानी ने भारत को सरकार की प्राथमिकता का केंद्र बनाकर ‘एक मजबूत साझेदारी’ के बात कही। हमारे प्रधानमंत्री ने भी वैश्विक समृद्धि और सुरक्षा के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने के विषय पर चर्चा की, साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था में कायापलट लाकर, 100 स्मार्ट शहर स्थापित कर, 500 मिलियन युवाओं को कुशल बनाकर, सबके लिए 24 घंटे बिजली की व्यवस्था कर और 10,000 किलोमीटर की सड़कें बनाकर प्रधानमंत्री मोदी के भारत के प्रति दूरदर्शिता को सार्थक बनाने के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने के विषय में भी चर्चा की। ये काफी विशाल योजनाएं हैं। ब्रिटेन के वित्तीय बाजारों की ताकत का लाभ देकर ब्रिटेन इस दूरदर्शिता को सार्थक बनाने में सहयोग देगा। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में, ‘जेम्स बॉन्ड, ब्रुक बॉन्ड के बाद अब बारी है रुपी बॉन्ड की’।
23 अप्रैल को नाटककार, कवि और अभिनेता विलियम शेक्सपीयर की 400 वीं पुण्यतिथि है। शेक्सपीयर की भाषा समूचे विश्व की भाषा है। अंग्रेजी इस धरती पर सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और साथ ही व्यापार, कूटनीति, विज्ञान, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और मनोरंजन क्षेत्र द्वारा संवाद के लिए चुनी गई भाषा है। वर्ष 2020 तक दो अरब लोग अंग्रेजी सीख रहे होंगे। कोयम्बतूर समेत समूचे भारत में आप अनेक कार्यक्रमों की अपेक्षा रख सकते हैं।
इस वर्ष हम इस तथ्य का जश्न मना रहे हैं कि 64 वर्ष पूर्व छह फरवरी को महारानी एलिजाबेथ ने ब्रिटिश सिंहासन स्वीकारा था। सितम्बर में उन्होंने महारानी विक्टोरिया को पीछे छोड़ते हुए सबसे लंबे शासनकाल तक साम्राज्ञी होने का गौरव हासिल किया। एक महीने के कुछ बाद वे अपना 90 वां जन्मदिन मनाएंगी। यह एक महारानी और उनके पति के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है जिन्होंने राष्ट्रमंडल की अध्यक्ष होने के साथ-साथ ब्रिटिश ताज की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है। मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि मेरे साथ मिलकर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की शान में एक जाम ऊठाएं।
मुझे आशा है कि आज रात्रि आप सभी ध्यानपूर्वक चुने गए हमारे इस भारतीय उत्सव का लुत्फ उठाएंगे जिसमें मछली और चिप्स के साथ शामिल हुआ यूके का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन स्वादिष्ट चिकन टिक्का मसाला। मैं अपने संभाषण का अंत बार्ड के एक और उद्धरण के साथ करूंगा, “खुशदिल रहना आपका स्वभाव है और शायद आपका जन्म एक खुशनुमा पल में ही हुआ था। मैं आपकी शाम खुशनुमा होने की उम्मीद करता हूं”।
धन्यवाद