भाषण

‘ब्रिटेन के छात्र हमारे सर्वश्रेष्ठ निर्यात हैं’

चेन्नई में ब्रिटिश उपउच्चायुक्त भरत जोशी द्वारा 18 मार्च, 2016 को कोयंबटूर में यूके अलम्नाय मीट (ब्रिटेन के पूर्वछात्र सम्मेलन) के अवसर पर दिए गए भाषण का रूपांतरण।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
भरत जोशी

यहां उपस्थित होने के लिए आप सब का धन्यवाद। यूके अलम्नाय मीट के अवसर पर आपके साथ सम्मिलित होना सौभाग्य का विषय है। चेन्नई के ब्रिटिश उपउच्चायुक्त के रूप में मुझे ब्रिटेन के विभिन्न पूर्व छात्रों, उद्यमियों, कंपनियों, शोधकर्ताओं तथा छात्रों को यहां एकसाथ एकत्र पाकर बेहद खुशी हो रही है।

हमें अपने पूर्व छात्रों की फिक्र रहती है। कई तरीकों से, आप हमारे बेहतरीन निर्यात हैं। क्योंकि आपने दुनिया की बेहतरीन शैक्षणिक व्यवस्था के तहत पढ़ाई की है और आप एक दीर्घ तथा स्थापित परंपरा के उत्पाद हैं। क्योंकि आपने हमारी संस्कृतियों और मूल्यों को अंगीकार किया है और उन्हें अपने साथ वापस लेकर भारत आए हैं। और क्योंकि इस प्रक्रिया में आपने संस्थाओं में बदलाव किए हैं, जहां आपने अध्ययन किया, और इससे एक संपूर्ण रूप से ब्रिटेन अपनी मजबूत बहुसंस्कृतीयता में योगदान कर रहा है। यह आयोजन पहले के समय हमसे ज्यादा अभी आपसे संबद्ध है। हम इसे उपयोगी बनाना चाहते हैं किंतु हम आपको यह भी बताना चाहते हैं कि हमें कैसे आपसे जुड़ना चाहिए।

ब्रिटेन का एक सुदृढ़ शैक्षणिक इतिहास रहा है। दुनिया के श्रेष्ठ छः विश्वविद्यालयों में से चार ब्रिटेन में हैं, और नियोजन के अनुसार श्रेष्ठ दस में से पांच भी। दुनिया भर के नियोक्ता ब्रिटेन की उपाधि को मान्यता प्रदान करते हैं और यह एक सफल कैरियर के लिए छलांग भरने का मंच है। ब्रिटेन में अध्ययन करनेवाले विदेशी छात्रों में भारतीय छात्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हम भारत तथा ब्रिटेन के बीच और अधिक छात्र गतिशीलता और आदान-प्रदान को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहते हैं। गत 10 वर्षों में 2,50,000 से ज्यादा भारतीय छात्रों ने ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त की है। ब्रिटेन में अध्ययन के उद्देश्य से आनेवाले वास्तविक छात्रों की संख्या की कोई सीमा नहीं है, यदि वे एक उपयुक्त स्तर की अंग्रेजी बोल सकते हैं और एक वैध पाठ्यक्रम में स्थान प्राप्त करते हैं।

ब्रिटेन के विश्वविद्यालय अभी सहयोगी संस्थानों के साथ मिलकर पहले कभी से ज्यादा शोध कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। नए प्रोत्साहन केंद्र तथा ज्ञान अंतरण संजाल, श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों को एक साथ ला रहे हैं, जिससे वे उच्च-मूल्यवत्ता के वास्तविक भौतिक आविष्कार प्राप्त कर सकें। विश्वविद्यालय क्षेत्र एक शैक्षिक क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं। ब्रिटेन में अध्ययन करने का इससे अच्छा समय पहले कभी नहीं रहा, और अब इसके साथ ब्रिटिश सरकार की छात्रवृत्तियां भी हैं:

  • प्रमुख शेवनिंग स्कॉलरशिप तथा फेलोशिप प्रोग्राम ने 130 देशों से 42,000 से ज्यादा संभावित नेतृत्वकर्ताओं को ब्रिटेन आने में सहायता दी है और 1000 लगभग भारतीयों को ब्रिटेन में अध्ययन के लिए भेजा है। इस वर्ष इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्श तथा उत्तरी आयरलैंड में स्थित 45 ब्रिटिश संस्थानों में अभियंत्रण, विधि, व्यवसाय, कला तथा डिजाइन, जैवविज्ञानों तथा आईटी विषयों के लिए 1.5 मिलियन पौंड से ज्यादा (लगभग 151 मिलियन रुपए) की राशि के 291 से अधिक छात्रवृत्ति सहित नए ग्रेट अवार्ड उपलब्ध हैं।

काफी कुछ है, जो ब्रिटेन भारत साथ मिलकर कर रहे हैं। संयुक्त शोध गतिविधियों के समर्थन में दोनों देशों द्वारा किया गया सह-निवेश 2009 के 1 मिलियन पाउंड से बढ़कर आज लगभग 200 मिलियन पाउंड हो गया है। यूके इंडिया एजुकेशन एंड रीसर्च इनीशिएटिव (यूकेआईईआरआई) ने 2006 में अपनी शुरुआत से 1000 से ज्यादा सहभागी उपक्रमों को सहयोग दिया है जिनमें 2011 से प्रारंभ द्वितीय चरण के 380 से ज्यादा प्रयास सम्मिलित हैं।

ब्रिटिश कंपनियां, जैसे वोडाफोन और पीयरसन, नवाचारी कौशल प्रतिपादन प्रस्तावित करते हैं। सिटी एंड गिल्डर्स जैसे संगठन पेशेवराना मानक-निर्धारण में वैश्विक अग्रणी हैं। ब्रिटेन और भारत ने कौशल विकास के क्षेत्र में मजबूत सहभागिता को उनसे प्राप्त समर्थन की पुष्टि की है और 2020 तक 500 मिलियन प्रशिक्षणों का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों में व्यावसायिक कौशल के परिदान की संभावनाएं लक्षित की हैं।

फिलहाल, ब्रिटेन-भारत ने संयुक्त रूप से एक वित्तपोषण कार्यक्रम तथा आमंत्रण प्रस्ताव प्रारंभ किए हैं जो स्वच्छ-तकनीक, वहनीय स्वास्थ्यसेवा तथा आईसीटी के क्षेत्रों में उत्पादों के वाणिज्यीकरण पर केंद्रित हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया मेरे सहयोगी सैम कुमार से बात करें।

कृपया इस आयोजन को आनंदपूर्वक मनाएं। मैं आप सब को शुभकामनाएं देता हूं। यह एक लंबी और लाभकारी सहभागिता की बस एक शुरुआत है।

धन्यवाद!

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प्रकाशित 18 March 2016