भारत में यूके साइंस एंड इनोवेशन नेटवर्क
समृद्धि और विकास को प्रोत्साहन देने के लिए विज्ञान और नवोन्मेष सरकार की रणनीति का मुख्य केंद्र है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शोध एवं ज्ञान ते़जी से विकसित और प्रसारित हो रहे हैं जिस कारण विश्व में कुछ उत्कृष्ट कम्पनियों के साथ कार्य करने का अवसर मिलता है, विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान होता है, विशाल स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय सुविधाओं का लाभ प्राप्त होता है और इन सभी से यूके और भारत को आपसी लाभ पहुंचता है।
स्थानीय विज्ञान और नवोन्मेष के परिदृश्य विषय में, भारत में यूके की प्राथमिकताओं और सफलताओं पर एक संक्षिप्त परिचय हेतु यूके के विज्ञान एवं नवोन्मेष तंत्र का कंट्री स्नैपशॉट यहां पढ़ें।
जिम्मेदारियां
विज्ञान और नवोन्मेष पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापार, नवोन्मेष और कौशल विभाग एवं विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय संयुक्त रूप से विश्व भर में 28 देशों में फैले यूके के साइंस एंड इनोवेशन नेटवर्क (एसआइएन) को वित्त उपलब्ध करा रहे हैं।
एसआइएन इंडिया निम्नलिखित वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कार्य करता है:
- यूके को लाभ पहुंचाने के लिए भारत सरकार, उद्योग और शिक्षा क्षेत्र में विज्ञान और नवोन्मेष की नीतियों को प्रभावित करना
- अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों और उभरते अवसरों और भारत की चुनौतियों पर आधारित यूके की नीति में सुधार लाना।
- भारत के साथ विज्ञान के क्षेत्र में सामरिक सहयोग को प्रोत्साहित करना, जिससे यूके लाभान्वित हो सके और व्यापक नीति के लक्ष्यों को पूरा करना।
- भारतीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और निवेश को बढ़ावा देकर यूके की नवोन्मेष क्षमता को विकसित करना।
प्राथमिकताएं
भारत के साथ यूके के संबंध को प्राथमिकता देने का काम यूके-भारत का मंत्री स्तरीय विज्ञान और नवोन्मेष परिषद करता है। फरवरी 2014 में यूके-भारत विज्ञान और नवोन्मेष टास्क फोर्स में जिन विशाल सामाजिक चुनौतियों पर सहमति हुई वे हैं दीर्घकालिक शहरों और शहरीकरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण और ऊर्जा-जल-खाद्य संबंध। दोनों देशों के बीच अति आवश्यक क्षमताओं को विकसित करने पर भी सहमति हुई, वे हैं- उच्च गुणवत्ता का उत्पादन और विशाल डाटा निर्माण।
यही विशाल सामाजिक चुनौतियां न्यूटन कोष के भारतीय सिद्धांतों के बातचीत का अधार बने, जिससे यूके की विकासशील देशों के साथ शोध कार्यों को समर्थन मिला। नवम्बर 2014 में परिषद में यूके और भारतीय मंत्रियों ने एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया, ताकि न्यूटन भाभा कार्यक्रम को आधिकारिक शुरुआत मिल सके। यह न्यूटन भाभा कार्यक्रम भविष्य में यूके और भारत के बीच विज्ञान, शोध एवं नवोन्मेष में सहयोग को बढ़ावा देगा।
हमारी सेवाएं
भारत में एसआइएन नई दिल्ली के ब्रिटिश उच्चायोग में और बेंगलुरु और मुम्बई में ब्रिटिश उप उच्चायोग में स्थित है। हम समूचे भारत में स्थित हमारे कार्यालयों में डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड और प्रॉस्पेरिटी दलों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।
हम भारत में निम्नलिखित यूके के सहयोगियों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं:
- यूके इंडिया कार्यालय के अनुसंधान परिषद
- यूके-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव
- अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग
- डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल ट्रेड
- ब्रिटिश काउंसिल
कार्यक्रम
हमारी टीम कई हाल के कार्यों, हमारी योजनाओं और हाल में प्राप्त सफलताओं की जानकारी हमारे ब्लॉग से प्राप्त करें।
अवसर
हम हर महीने यूके-भारत के शोध और नवोन्मेष को समर्थन देने के लिए उपलब्ध नवीनतम फंडिंग अवसरों का संकलन करते हैं। हमारे मासिक समाचारपत्र की सदस्यता लेने पर हमारे जानकारी अपडेट करते ही आपको अलर्ट के जरिए सूचना मिल जाएगी।
हमसे संपर्क करें
भारत में हमारे नेटवर्क के व्यक्तिगत कार्यालयों से संपर्क की जानकारी के लिए आप हमें ई-मेल कर सकते हैं। एसआइएन इंडिया का मुख्यालय नई दिल्ली के ब्रिटिश उच्चायोग में स्थित है।
साइंस एंड इनोवेशन नेटवर्क, भारत
ब्रिटिश उच्चायोग
शांतिपथ, चाणक्यपुरी
नई दिल्ली 110021
भारत
ईमेल: scienceandinnovation.india@fcdo.gov.uk
इस नम्बर पर पूछताछ कर सकते हैं: +91 80 22 100 200