एक विद्युतीय साझेदारी: यूके ई-मोबिलिटी प्रतिनिधिमंडल ने किया भारत की यात्रा
यूके के ई-मोबिलिटी विशेषज्ञों का एक प्रतिनिधिमंडल विद्युतीय गतिशीलता पर आधारित यूके-भारत की जानकारी विनिमय कार्यक्रम के एक भाग के रूप में 15 से 19 जुलाई के बीच भारत की यात्रा पर आ रहा हैl
यह कार्यक्रम पिछले महीने भारत के सरकारी अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा यूके की यात्रा के बाद संपन्न हो रहा हैl
यूके सरकार के प्रतिनिधि निजी क्षेत्र के कई संगठनों के साथ मुंबई, पुणे और हैदराबाद के एक सप्ताह लम्बे यात्रा पर है जिसका समापन नई दिल्ली में 19 जुलाई को होगाl यह यात्रा भारत में विद्युतीय गतिशीलता में वृद्धि करने हेतु, राज्य और शहर के नेतृत्व वाले प्रयासों पर केन्द्रित एक कार्यशाला के आयोजन के साथ संपन्न होगाl यह यात्रा विद्युतीय गतिशीलता पर भारत के साथ भविष्य की साझेदारियों का पता लगाने वाले एक परियोजना का एक भाग है प्रतिनिधि इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे आधारिक संरचना के विकास, ग्रिड प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, ग्रिड के प्रभाव का आकलन, फ्लीट परिवर्तन के कार्यक्रमों, ग्रिड प्रणालियों के लिए पायलटों, वाहनों और शहर स्तर के नियोजन के दायित्व को कैसे सहारा दिया जायेl
विद्युत् वाहन के अंतर्ग्रहण में वृद्धि करने से परिवहन और गतिशीलता के क्षेत्रों में रूपांतरण सम्बन्धी किसी परिवर्तन की आवश्यकता होगीl यूके और भारत उस रूपांतरण को निरंतर जानकारी के आदानप्रदान और दीर्घस्थायी एवं शून्य उत्सर्जन की गतिशीलता के लिए अभिनव समाधानों के संयुक्त विकास के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहे हैंl
भारत में यूके के उच्चायुक्त, सर डोमिनिक ऐस्क़ुइथ ने कहा:
भारत और यूके दोनों में ई-गतिशीलता पर मार्ग प्रशस्त करने वाले कार्य हो रहे हैं l हालाँकि स्थानीय आवश्यकताओं में अंतर हो सकता है, तथापि हम जिन चुनौतियों का सामना करते हैं, वे एक जैसी हैं l अभिनव प्रोद्योगिकियाँ, पद्धतियाँ और सोच इस अंतर को मिटा देता है और हमें निकट लाता है l
भारत पहले से ही विद्युतीय गतिशीलता पर वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन कर रहा है, जबकि यूके उस कार्य के लिए उपयुक्त साझेदार है और दोनों मिलकर प्रगति को नवोन्मेष के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहे हैं l यूके और भारत का अच्छाई के लिए एक बल के रूप में कार्य करना एक ऐसा उदाहरण है l
यूके अपनी घरेलू परिवहन नीति को विद्युतीय गतिशीलता के एक अनिवार्य भाग बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठा रहा है l सड़क परिवहन के उत्सर्जनों को कम करने के लिए 2018 की सड़क से लेकर शून्य की नीति विश्व के सबसे व्यापक योजनाओं में से एक है जिससे यह पता चलता है कि यूके 2040 तक सभी नए कारों और वैनों को किस प्रकार से शून्य उत्सर्जन बनाएगा l
पिछले वर्ष, यूरोप में बेचे जाने वाले पाँच विद्युत् कारों में से एक का निर्माण यूके में किया गया था और यह ईयू में अति निम्न उत्सर्जन वाहनों (यूएलईवी’यों) के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार था l 246 मिलियन पौंड निवेश करने वाला फैराडे इंस्टिट्यूट बैटरी निर्माण क्षेत्र के आसपास चुनौतियों का समाधान करने के लिए मुख्य विश्वविद्यालयों और यूके में बैटरी और विद्युत् वाहन के निर्माताओं के साथ कार्य कर रहा है l
भारत एक ‘साझी, जुड़ी हुई और विद्युत्’ गतिशीलता प्रणाली की दिशा में कार्य कर रहा है और पूरे देश में निम्न कार्बन वाहनों की संख्या में वृद्धि करने के अभिनव तरीके खोज रहा है l इसने हाल ही में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट में विद्युतीय वाहनों को अपनाने की गति में वृद्धि करने के लिए कर छूटों सहित, कई प्रोत्साहनों की घोषणा की है l दोनों देश पहले से ही स्वच्छ ऊर्जा के विकास से सम्बंधित कई क्षेत्रों में एक साथ कार्य कर रहे हैं l
अन्य जानकारी
यूके के प्रतिनिधिमंडल में निम्न उत्सर्जन वाहन कार्यालय, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग, ईओ चार्जिंग, गो अल्ट्रा लो, आम्टे पॉवर, मोइक्सा, साइट्टा समूह और अराइवल के वरिष्ठ प्रतिनिधिगण सम्मिलित हैं l
लन्दन परिवहन और भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में सकल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुधारने, यात्री सेवाओं में सुधार लाने और देश में उच्च क्षमता के बसों के उपयोग को बढ़ावा देने में सहायता करने के लिए पिछले वर्ष एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया था l
जून में, इनोवेट यूके - यूके के नवोन्मेष अभिकरण - ने बेंगलुरु शहर में साझेदारों के साथ मिलकर विद्युत् वाहन के एकीकरण और स्वच्छ वायु के नवोंमेषों के विकास को समर्थन देने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की l इस कार्यक्रम का आयोजन यू.के. ऊर्जा प्रणाली, कनेक्टेड प्लेसेस एंड सॅटॅलाइट एप्लीकेशन्स कैटापुल्ट्स द्वारा किया जायेगा और यह यूके और बेंगलुरु में विशेषज्ञ, गतिविधियों और नवोन्मेष समुदायों को परस्पर जोड़ेगा l
रोड टू जीरो स्ट्रेटेजी और यूके की औद्योगिक नीति ऑनलाइन उपलब्ध है l यूके ने कार्बन के उत्सर्जनों और अन्य प्रदूषकों को नाटकीय ढंग से कम करने के लिए सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए भविष्य की एक गतिशीलता नीति का शुभारम्भ किया है l
यूके एक शुद्ध शून्य उत्सर्जन नियम को पारित करने वाला पहला मुख्य अर्थव्यवस्था है l पिछले महीने, यूके ने इटली के साथ साझेदारी में सीओपी26 जलवायु वार्तालापों को आयोजित करने के लिए अपनी बोली की घोषणा की l
शुद्ध विद्युत् कारों से ना केवल एक शक्तिशाली पर्यावरणीय लाभ, बल्कि एक वित्तीय लाभ भी प्राप्त होता है l यूके में हुए अनुसंधान ने दर्शाया है कि शुद्ध विद्युत् कार, उपयोगकर्ताओं को पेट्रोल या डीजल कारों की तुलना में कर और ईंधन के खाते में अनुमानतः 650 पौंड प्रतिवर्ष की बचत करने में सहायता कर सकता है l
मीडिया
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