ब्रिटिश उच्चायोग ने 'वूमेन इन फॉरेन पॉलिसी' का जश्न मनाया
ब्रिटिश उच्चायोग ने आज सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के साथ मिलकर 'वूमेन इन फॉरेन पॉलिसी' पर एक विचार-विमर्श श्रृंखला की शुरूआत की।
यह उन कार्यक्रमों की श्रृंखला का पहला भाग है जिसके अंतर्गत महिलाओं के पैनल द्वारा भारत की विदेश नीति के अहम मुद्दों पर अपने विचारों को रखा जाएगा।
आज के कार्यक्रम में पैनल ने अपने पश्चिमी पड़ोस में भारत के विकसित हो रहें हितों और रणनीतियों पर चर्चा की। इसमें भारत की यूरेशिया से कनेक्टिविटी की खोज, ऊर्जा सुरक्षा, अफगानिस्तान की स्थिरता करने और शंघाई सहयोग संगठन के क्रमिक दक्षिणवर्ती विस्तार जैसे मुद्दे शामिल थे।
ब्रिटिश उच्चायुक्त डोमिनिक एस्किथ, ने कहा:
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के साथ मिलकर ‘वूमेन इन फॉरेन पॉलिसी’ पर इस पैनल सेशन को लॉन्च करते हुए मुझे खुशी हो रही है। हम इस क्षेत्र में प्रेरणादायक महिलाओं द्वारा किए जा रहे कुछ सबसे महत्वपूर्ण विचार विमर्शों को प्रदर्शित करना चाहते हैं।
मुझे खुशी है कि आज की उत्कृष्ट ऑल-फीमेल पैनल ने हमारे साथ अपनी विशेषज्ञता और दृष्टिकोण को साझा करने पर सहमति व्यक्त की है।
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) की मुख्य कार्यकारी यामिनी अय्यर ने इस विचार-विमर्श का संचालन किया। इसमें उनके साथ निम्न महिलाएं शामिल थी:
- मीरा शंकर, अमेरिका की पूर्व भारतीय राजदूत
- सुहासिनी हैदर, राजनयिक संपादक, द हिंदू
- राजेश्वरी कृष्णमूर्ति, इंस्टीट्यूट ऑफ पीस एंड कनफ्लिक्ट स्टडीज की उप निदेशक
- मीना सिंह रॉय, इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के वेस्ट एशिया सेंटर की हेड
अधिक जानकारी:
सीपीआर 1973 से भारत के लीडिंग पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक में से एक है। प्रतिष्ठित एकेडमिक्स और प्रैक्टिशनर्स के सीपीआर समुदाय में कई विषयों और व्यवसायिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल हैं। भारत के भविष्य के अहम मुद्दों की जांच के लिए केंद्र के वरिष्ठ संकाय ने 50 से अधिक युवा प्रोफेशनल्स और एकेडमिक्स के साथ साझेदारी और पूरी दुनिया में भागीदारी की है।
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