पार्लियामेंट स्क्वेयर के लिए महात्मा गांधी की नई प्रतिमा
विदेश मंत्री विलियम हेग और चांसलर जॉर्ज ऑसबोर्न द्वारा लंदन पार्लियामेंट स्क्वेयर पर महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित करने की योजना की घोषणा।
विदेश मंत्री और चांसलर ने दुनिया भर में अहिंसा और नागरिक अधिकार आंदोलनों की प्रेरणा रहे महात्मा गांधी की प्रतिमा को लंदन के पार्लियामेंट स्क्वेयर पर स्थापित करने की योजना घोषित की।
हमारे लोकतंत्र के लिए प्रतीकात्मक महत्व वाले स्थान पर स्मारक का होना इस महापुरुष के लिए उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी जो उनके विलक्षण जीवन के प्रमुख क्षणों की महत्वपूर्ण वर्षगांठों से पूर्व हम सबको उनके आदर्शों और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने हेतु प्रेरित करेगा। आज के अनेक प्रतिभाशाली छात्रों की तरह, जिनका हम स्वागत करते यहां हैं, लंदन में शिक्षा ग्रहण करने की वजह से गांधीजी का लंदन से एक खास जुड़ाव था।
हमारी इच्छा है कि यह स्मारक अगले वर्ष तक बनकर तैयार हो जाए। स्थापित होने के बाद यह प्रतिमा अगले साल गर्मियों में, गांधीजी के स्वराज आंदोलन हेतु द. अफ्रीका से वापसी के 100वीं वर्षगांठ की स्मृति तथा 2018 में उनकी मृत्यु के 70 वर्ष पूरा होने और 2019 में उनकी 150वें जन्मदिन का केन्द्र बिन्दु बनेगा। विदेश मंत्री और चांसलर ने दिल्ली में, अपनी भारत यात्रा के दूसरे दिन गांधी-स्मृति के दर्शन के दौरान यह घोषणा की। यह स्मारक दिल्ली के तीस जनवरी मार्ग पर गांधीजी के आवास और 30 जनवरी 1948 के उनके देहावसान स्थल पर स्थित है।
योजना यह है कि इस स्मारक के लिए धनराशि का प्रबंध चैरिटेबल डोनेशनों और प्रायाजकों द्वारा किया जाएगा। परियोजना को सरकार का पूर्ण समर्थन हासिल है और ब्रिटिश संस्क़ृति मंत्री साजिद जाविद की अगुआई वाले एक विशेष सलाहकारी समूह की स्थापना इस परियोजना में सहायता हेतु की गई है। क्वीन मदर और बॉम्बर कमांड की मूर्तियों के लिए विख्यात मानव प्रतिमा के अग्रणी ब्रिटिश शिल्पकार फिलिप जैक्सन से इस प्रतिष्ठित परियोजना को हाथ में लेने के लिए संपर्क किया गया है।
यह स्मारक नेल्सन मंडेला और अब्राहम लिंकन जैसे अन्य अंतर्राष्ट्रीय महानायकों के साथ खड़ा होगा।
विदेश मंत्री ने कहा:
सांप्रदायिक शांति और विभाजन के विरोध की दिशा में गांधीजी के विचार, भारत को आगे ले जाने की उनकी आकांक्षा और अहिंसा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने एक ऐसी विरासत प्रस्तुत की है जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उनके जीवनकाल में थी।
वह एक गगनचुंबी प्रेरणा और शक्ति के स्रोत हैं। पार्लियामेंट स्क्वेयर में अन्य महान नेताओं की मूर्ति के साथ हम उनके सम्मान में उनकी मूर्ति की स्थापना करेंगे।
चांसलर ने कहा:
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपिता होने के नाते अब समय आ गया है कि गांधीजी को पार्लियामेंट की जननी के सम्मुख उन्हें उनका उचित स्थान प्रदान किया जाए। वह न केवल ब्रिटेन और भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। नए भारतीय प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संसद के उद्घाटन भाषण में उनकी स्मृति का आह्वान किया। मुझे उम्मीद है यह नया स्मारक ब्रिटेन में उनकी स्मृति के लिए एक चिरंतन और समुचित श्रद्धांजलि और भारत के साथ हमारी मैत्री का स्थायी स्मारक होगा।
संस्कृति, मीडिया और खेल राज्य मंत्री ने कहा:
इस विशेष सलाहकारी समूह के अध्यक्ष के रूप में यह मेरे लिए एक हृदयस्पर्शी क्षण है। मेरे माता-पिता ब्रिटिश-भारत में पैदा हुए थे और विभाजन के त्रासद अनुभव को उन्होंने प्रत्यक्ष भोगा था। लाखों लोगों के जीवन पर इसके प्रभाव ने मुझे जन सेवा में आने को प्रेरित किया।
जिन्होंने हमेशा सबके लिए समान रूप से संघर्ष किया उन महात्मा गांधी की प्रतिष्ठा और उनकी महानता के कीर्तिगान के रूप में पार्लियामेंट स्क्वेयर में उनकी प्रतिमा स्थापित करना उनके प्रति समुचित श्रद्धांजलि होगी। लोगों की पृष्ठभूमि, उनका इतिहास या धर्म कुछ भी क्यों न हो, यह प्रतिमा दुनिया भर के लोगों को उनकी ओर देखने और मानवता के कल्याण के लिए उनके प्रयास और उनकी उपलब्धियों की सराहाना करने का अवसर देगी।
आगे की जानकारी
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पार्लियामेंट स्क्वेयर में महात्मा गांधी की यह 11वीं प्रतिमा होगी।
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सलाहकार समूह की अध्यक्षता संस्कृति, मीडिया और खेल राज्य-मंत्री करेंगे और इसके अन्य सदस्य होंगे: जो जॉन्सन एमपी, डाउनिंग स्ट्रीट पॉलिसी यूनिट के प्रमुख- काउंसलर रॉबर्ट डेविस, डेप्युटी-लीडर वेस्टमिंस्टर काउंसिल; सर एडवर्ड लिस्टर, डेप्युटी मेयर पॉलिसी एंड प्लानिंग जीएलए, लॉर्ड देसाई, लॉर्ड बिलिमोरिया, प्रधानमंत्री की डायस्पोरा चैम्पियन प्रीती पटेल, एमपी और नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी के डायरेक्टर सैंडी नैर्न।
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